City Post Live
NEWS 24x7

नीतीश सरकार के कामकाज में दखल देनेवाले राज्यपाल बदले गए, लालजी टंडन बने नए राज्यपाल

लालजी टंडन बने बिहार के नए राज्यपाल, पूर्व मंत्री एस एन आर्या बने हरियाणा के नए गवर्नर

-sponsored-

- Sponsored -

-sponsored-

सिटी पोस्ट लाइव : केंद्र सरकार ने बिहार समेत कई राज्यों के राज्यपाल को बदल दिया है. खबर के अनुसार  नीतीश सरकार के कामकाज में खासतौर पर प्रशासनिक कार्यों में दखल देनेवाले बिहार के राज्यपाल सत्यपाल मलिक बदल दिए गए हैं. उनकी जगह  बीजेपी नेता लालजी टंडन बिहार के नए राज्यपाल नियुक्त किये गए हैं. बिहार के वर्तमान राज्यपाल सत्यपाल मलिक को जम्मू कश्मीर का गवर्नर बना दिया गया है. गौरतलब है कि लालजी टंडन उत्तर प्रदेश बीजेपी के कद्दावर नेता माने जाते हैं. वे सांसद भी रहे हैं. उन्होंने पार्षद से लेकर कैबिनेट मंत्री और दो बार सांसदी तक का 8 दशक से अधिक का सामाजिक एवं सियासी सफर तय किया है और सियासी दुनिया का एक बड़ा नाम है.

 बिहार में बीएड कॉलेज पर नकेल कसने वाले और नीतीश सरकार के नाक में दम कर देनेवाले राज्यपाल सत्यपाल मलिक को जम्मू कश्मीर का गवर्नर बना दिया गया है. इसके अलावा बिहार सरकार में खान व भूतत्व मंत्री रहे एस एन आर्या को हरियाणा का राज्यपाल बनाया गया है. मेघालय के राज्यपाल गंगा प्रसाद को सिक्किम का नया गवर्नर बनाया गया है. गंगा प्रसाद बिहार बीजेपी के चर्चित चेहरा रहे हैं.

गौरतलब है कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह महा-रेपकांड पर  राज्यपाल ने एक चिट्ठी लिखकर नीतीश सरकार की किरकिरी कराने में कोई कोर-कसार नहीं छोडी थी. महामहिम राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने नीतीश कुमार को जो चिट्ठी लिखी सो लिखी, लेकिन इसके साथ उन्होंने पटना हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस और केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद को भी पत्र लिख दिये! अब इन चिट्ठी-पत्रियों को क्या माना जाए, क्या समझा जाए? नीतीश-सरकार की ‘तस्वीर’ या कि नीतीश-सरकार के लिए ‘आईना’?

राज्यपाल महोदय ने हाल की घटना को मानवता के लिए कलंक बताते हुए इसकी रिपोर्ट के मुताबिक जांच कराने की मांग की और यह उम्मीद जताई कि उनके सुझावों पर सरकार अमल करेगी. उन्होंने यौन उत्पीड़न के मामलों की सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट गठित करने की भी सलाह दी. श्री नीतीश कुमार ने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि प्रशासनिक मामलों में उन्हें राजभवन से सलाह दी जाएगी.

वैसे, यह पहली बार नहीं है कि राज्यपाल ने नीतीश सरकार के क्रियाकलापों पर टिप्पणी की. जून महीने में गया में हाईवे के किनारे मां और बेटी के साथ सामूहिक रेप और नालंदा में एक लड़की के साथ सामूहिक रेप की घटना के बाद श्री मलिक ने सार्वजनिक मंच से बिहार की लड़कियों को किसी भी मुसीबत में राजभवन का नंबर मिलाने को कहा था. विश्वविद्यालयों के चांसलर होने के नाते कई मौकों पर उन्होंने नीतीश-सरकार की शिक्षा व्यवस्था की भी आलोचना की. एक बार तो उन्होंने यहां तक कह दिया कि सभी दलों के नेता शिक्षा माफिया बने हुए हैं और उनके खिलाफ एक गैंग बन रहा है.

बहरहाल, राज्यपाल की ‘चिट्ठी’ नहीं, बल्कि ‘चिट्ठियों’ का निहितार्थ क्या माना जाए? इन्हें सिर्फ नीतीश कुमार की ‘सुशासन बाबू’ की छवि पर धूल जमने की ओर ‘इशारा’ माना जाए या कि नीतीश कुमार के प्रति गठबंधन की सत्ता-राजनीति के नजरिये में बदलाव का ‘संकेत’ भी?

-sponsored-

- Sponsored -

Subscribe to our newsletter
Sign up here to get the latest news, updates and special offers delivered directly to your inbox.
You can unsubscribe at any time

-sponsored-

Comments are closed.