सिटी पोस्ट लाइव ( मृत्युंजय कुमार ) : देश के पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ प्रोफेसर संजय कुमार ने फेसबुक पर आपत्तिजनक पोस्ट किया था. जिस पर प्रोफेसर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए थी. प्रोफेसर के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज किया जाना था. लेकिन ऐसा किसी ने नहीं किया. आखिर प्रोफेसर को क्यों बचाया जा रहा है? राहुल का कहना है कि वो एक सामाजिक कार्यकर्ता है. उसका किसी भी राजनीतिक पार्टी से कोई लेना—देना नहीं है. लेकिन समाज के खिलाफ काम करने वाले लोगों के खिलाफ वो अपनी आवाज बुलंद करता रहेगा. उसे न्यायपालिका और कानून पर भरोसा है. जरूरत पड़ने पर वो कोर्ट में खुद को सरेंडर भी कर सकता है” ये सवाल और सफाई आई है उस राहुल पाण्डेय की तरफ से जो मोतिहारी सेंट्रल यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर की पिटाई के मामले में फरार चल रहा है.
राहुल पाण्डेय के पीछे दो दिनों से मोतिहारी जिले की पुलिस पड़ी है. उसकी गिरफ्तारी के लिए जगह-जगह छापेमारी की जा रही है.उसके ऊपर मोतिहारी के महात्मा गांधी सेंट्रल यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर की पिटाई किये जाने का आरोप है.गौरतलब है कि प्रोफेसर संजय कुमार की 17 अगस्त को जमकर पिटाई की गई थी जिसका वीडियो काफी तेजी से वायरल हुआ था. आरोप है कि प्रोफेसर की पिटाई में मोतिहारी के रघुनाथपुर का रहने वाला राहुल आर पांडेय शामिल था.गौरतलब है कि प्रोफेसर के बयान पर मोतिहारी के टाउन थाना में 12 नामजद व अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया गया था.
सेंट्रल यूनिवर्सिटी के इस प्रोफेसर की पिटाई का ये मामला अब राजनीतिक रंग ले चुका है. पुलिस राहुल आर पांडेय की तलाश कर रही है. राहुल आर पांडेय का कहना है कि उसने प्रोफ़ेसर की पिटाई नहीं की. उस वक्त वो मौके पर मौजूद नहीं था. प्रोफ़ेसर संजय कुमार को किसने पीटा, इस बारे में उसे कुछ भी नहीं मालूम है. दावा ये किया जा रहा है कि संजय कुमार ने उसके खिलाफ फर्जी एफआईआर मोतिहारी के नगर थाना में दर्ज कराया है. ये सब कुछ एक साजिश के तहत किया जा रहा है. इसके पीछे की वजह ये है कि वो चंपारण के स्टूडेंट्स के हित में प्रोफेसर और उनके धरना के खिलाफ खड़ा हुआ था. पिछले 3—4 महीने से प्रोफेसर्स का यूनिवर्सिटी में धरना चल रहा था.
इस पूरे घटना के पीछे प्रोफ़ेसर संजय कुमार का पोस्ट है. जिसे उन्होंने देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर पोस्ट किया था. इसके बाद ही प्रोफेसर की पिटाई कुछ लड़कों ने मिलकर कर दी थी. राहुल आर पांडेय का कहना है कि उसने तो सिर्फ संजय कुमार के पोस्ट का स्क्रीनशॉट लेकर सोशल साइट पर शेयर किया था. इस वजह से भी उसे टारगेट किया गया. जब इस मामले में उसका नाम आया तो विदेश में रहने वाले मोतिहारी के ही राकेश पांडेय ने आपत्ति जताई थी. इसलिए एफआईआर में उनका नाम भी डाल दिया गया.
पिटाई के बाद गंभीर हालत में प्रोफेसर संजय कुमार को मोतिहारी के सदर हॉस्पिटल में इलाज के लिए ले जाया गया था. राहुल का आरोप है कि प्रोफेसर का इलाज करने वाले डॉक्टर पर 9—10 लोगों ने जबरन प्रेशर बनाया. ताकि उनकी हालत को गंभीर बताकर पटना रेफर कराया जाए. बाद में हुआ भी वही. जबकि डॉक्टर ने कहा था कि कोई इंटरनल इंज्यूरी नहीं है. रेफर करने की कोई जरूरत नहीं है. फिर जबरन रेफर करवाया गया. अब राहुल ने सवाल उठाया है कि आखिर डॉक्टर के उपर प्रेशर बनाने वाले लोग कौन थे? उन्होंने क्यों प्रेशर बनाया? मामले को दूसरा रंग आखिर क्यों दिया जा रहा है?