सिटी पोस्ट लाइव : मुजफ्फरपुर महारेप कांड मामले में एक बहुत बड़ा खुलासा हुआ है. यह खुलासा किसी और ने नहीं बल्कि ब्रजेश ठाकुर के विवाद में आये NGO के सचिव रमेश ठाकुर ने किया है. रमेश ठाकुर के ने कहा कि उन्हें तो पता ही नहीं कि कब और कैसे ब्रजेश ठाकुर ने उन्हें अपने इस NGO का सचिव बना दिया.उनका तो ये भी कहना है कि उनके हस्ताक्षर से NGO के अकाउंट से जो बैंक से निकाशी हुई है, वह भी फर्जी है. उन्होंने कहा कि वो दिल्ली में एक छोटी सी प्राइवेट नौकरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं. बिहार तो साल कभी कभार ही आते हैं ऐसे में चेक पर उनके हस्ताक्षर होने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता.रमेश ठाकुर ब्रजेश ठाकुर के अपने चचेरे भाई हैं.उन्होंने कहा कि अपने गावं पचदही भी वो कभी कभी ही जाते हैं.
गौरतलब है कि ये वहीँ राजेश ठाकुर हैं जिनको ब्रजेश ठाकुर ने अपने एनजीओ सेवा संकल्प एवं विकास समिति का सचिव के रूप में दिखाया है. इनके हस्ताक्षर से ही एनजीओ के बैंक अकाउंट से करोड़ों रुपये की निकासी हुई है.उनका कहना है कि वर्षों पहले वो मुजफ्फरपुर को छोड़कर दिल्ली चले गए थे .वहीँ पर रहते हैं और नौकरी कर अपना परिवार चलाते हैं.अगर इनकी बात सच है तो इसका मतलब तो यहीं है कि ब्रजेश ठाकुर ने उनके फर्जी हस्ताक्षर के जरिये NGO बनाया और फर्जी हस्ताक्षर से ही बैंक से पैसे भी निकालता रहा. यानी मजा खुद लिया और फंसा दिया अपने चचेरे भाई को.रमेश ठाकुर दिल्ली में हैं और उन्हें पता चल गया है कि ब्रजेश ठाकुर अपने बालिका गृह में 34 लड़कियों के साथ रेप के मामले में जेल में बंद है. लेकिन वो सफाई देते हुए कहते हैं कि आप पत्रकार मेरे गावं जाइए, वहां के लोगों से मेरे बारे में पूछिये फिर आपको सच्चाई सामने आ जायेगी.
गौरतलब है कि ब्रजेश ठाकुर ने शातिराना तरीके से अपनी 15 से ज्यादा संस्थाओं को सगे-संबंधियों के नाम से रजिस्टर्ड कराया था. वह किसी भी NGO में पेपर पर नहीं था और ना ही अपने बेटे को रखा था. गलती से जिस बालिका गृह में कांड हुआ है, उसमे उसकी पत्नी सदस्य थी. वह शायद पहले से जनता था कि वह फंस सकता है .इसीलिए उसने अपने साथ साथ अपने बेटे को किसी भी NGO में पेपर पर नहीं रखा. यहीं नहीं उसने अपने हिंदी दैनिक प्रात: कमल का प्रोपराइटर भी हाल ही में अपने बेटे राहुल आनंद को बना दिया था.. उर्दू दैनिक हालात-ए-बिहार की संपादक उसकी राजदार मिस्ट्री वुमन मधु है और अंग्रेजी अखबार उसकी बेटी निकिता आनंद के नाम है. यानी फंसने पर भी उसका मीडिया का कारोबार चलता रहे ,उसने पूरी व्यवस्था कर ली थी.
यही काम उसने एनजीओ में भी किया. मुजफ्फरपुर बालिका गृह का संचालन करने वाला एनजीओ सेवा संकल्प एवं विकास समिति के दस्तावेजों में बतौर सेक्रेटरी रमेश ठाकुर का जिक्र है, जो ब्रजेश का चचेरा भाई है. रेप कांड के बाद राज्य सरकार ने इसे ब्लैक लिस्ट कर दिया है.अब भंडा फुट चूका है. सीबीआई जांच जारी है और रोज नए नए खुलासे हो रहे हैं. गौरतलब है कि रमेश ठाकुर की सीबीई तलाश कर रही है. वह बहुत डरे सहमे हैं. खुद सीबीई के सामने आने का हिम्मत नहीं जूता प् रहे. अब सीबीआई जब उनके पास खुद पहुंचेगी तब राज से पर्दा हटेगा.