ब्रजेश ठाकुर के बेटे ने संकट में भी कर लिया जुगाड़,जमीन बेच कर लिया 2 करोड़ का जुगाड़,शहर की जमीन 2 करोड़ में बेच दी,कानूनीतौर पर उसे प्रॉपर्टी बेचने से रोकना असंभव,बालिका गृह का ब्रजेश नहीं है संचालक ,कानूनीतौर पर ब्रजेश ठाकुर का नहीं है संबंध ,बालिका गृह से नहीं जुड़ा है ब्रजेश ठाकुर, ब्रजेश ठाकुर की पत्नी जुडी है बालिका गृह से, ब्रजेश ठाकुर और बेटे को प्रॉपर्टी बेचने से कैसे रोकेगी सरकार,बालिका गृह कांड में कैसे उसे दोषी ठहरायेगी सीबीआई, बालिका गृह से कानूनीतौर पर ब्रजेश का कोई संबंध नहीं, पेपर पर ब्रजेश ठाकुर नहीं है संचालक
सिटी पोस्ट लाइव ( अंजलि श्रीवास्तव): बिहार में मुजफ्फरपुर के बालिका गृह यौन उत्पीड़न कांड में ब्रजेश ठाकुर के खिलाफ कारवाई की बहुत गुंजाईश नहीं है.ब्रजेश ठाकुर के बेटे द्वारा शहर की अपनी कीमती जमीन बेंचने को लेकर बवाल मचा हुआ है.जिला प्रशासन के आदेश पर आनन फानन में निबंधन विभाग ने बालिका गृह का संचालन करने वाली संस्था सेवा संकल्प एवं विकास समिति और इससे जुड़े सात लोगों पर संपत्ति की खरीद-बिक्री पर रोग लगा दी. लेकिन संचालकों में ब्रजेश ठाकुर और उसके बेटे का नाम ही नहीं है. फिर उसे या उसके बेटे को अपनी सम्पति बेचने से कैसे रोका जा सकता है?
समिति में ब्रजेश ठाकुर की पत्नी प्रोफेसर आशा का नाम तो हैं लेकिन न तो ब्रजेश ठाकुर उसमे पेपर कुछ हैं और ना ही उनका पुत्र राहुल आनंद का कनूनिरूप से उससे कोई सम्बन्ध है. जाहिर है ब्रजेश ठाकुर और उसका बालिग बेटा आसानी से अपनी संपत्ति बेच सकते हैं.
सीआईडी को निबंधन विभाग से मिली जानकारी में शहर से सटे अहियापुर ईलाके में 31 जुलाई को राहुल आनंद द्वारा 10 लोगों के नाम साढ़े 11 कठ्ठे की जमीन बेचे जाने की पुष्टि हुई है. इस भूखंड का बाजार मूल्य दो करोड़ से अधिक का है. ब्रजेश ठाकुर और उसके बेटे के नाम से करोड़ों की संपत्ति का पता चल चुका है. डीएम ने सरकार के निर्देश पर निबंधन विभाग को पत्र लिखा है, जिसमें सेवा संकल्प एवं विकास समिति से जुड़े लोगों की संपत्ति की खरीद-बिक्री पर रोक लगाने को कहा है लेकिन इस सूची में ब्रजेश और उसके बेटे का नाम ही नहीं है.
जिन सात नामों का जिक्र डीएम के पत्र में किया गया है उसमें से सभी सेवा संकल्प एवं विकास समिति से जुड़े हैं. इनमें संजय कुमार सिंह– अध्यक्ष , पिता- दिनकर प्रसाद सिंह, रमेश कुमार–सचिव- पिता -देवेन्द्र ठाकुर, प्रयागनाथ तिवारी उर्फ मुन्ना– कोषाध्यक्ष– पिता – सुरेश तिवारी– , किरण पौद्दार– सदस्य– पिता-रमेश पौद्दार, संगीता कुमारी– सदस्य– पति– अनिल श्रीवास्तव, प्रोफेसर डॉ आशा– सदस्य– पति– ब्रजेश कुमार और संगीता सुभाषिनी— सदस्य- पति अनिल गुप्ता शामिल हैं.
इन लोगों की सम्पत्ति के खरीद-बिक्री पर रोक निबंधन विभाग ने लगाया है. साथ ही सेवा संकल्प एवं विकास समिति के नाम से भी खरीद-बिक्री पर रोक लगाई गई है.सवाल ये भी उठता है कि जब पेपर पर ब्रजेश ठाकुर का उस बालिका गृह से कोई सम्बन्ध ही नहीं है जिसमे महा-रेपकांड हुआ है, फिर उसे किस हदतक सरकार या जांच एजेंसियां दोषी ठहरा पाएगीं और उसे कब तक जेल में रख पायेगी ,ये यक्ष प्रश्न है.