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आज भी पूरी नहीं हो पाई “समान काम समान वेतन” मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

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सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के नियोजित शिक्षकों का इंतज़ार ख़त्म नहीं हो रहा. ‘समान काम समान वेतन’ का मामला लम्बा खींचता जा रहा है.अब  इस मामले पर 7 अगस्त से लगातार चली आ रही सुनवाई आज गुरुवार को भी पूरी नहीं हो सकी. गुरुवार को बिहार सरकार के वरीय अधिवक्ता श्याम दीवान ने अपनी बात रख दी है और अब  संघ की ओर से वरिष्ठ वकील सी ए सुन्दरम नियोजित शिक्षकों का पक्ष रख रहे हैं.सुप्रीम कोर्ट नियोजित शिक्षकों के मामले पर अगली सुनवाई 14 अगस्त को होगी.  इसके पहले बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार से नियोजित शिक्षकों की काबि​लियत को लेकर बिहार सरकार से कई सवाल पूछे थे. कोर्ट ने यह कहा था कि क्या नियोजित शिक्षक काबिल नहीं हैं? यदि ऐसा है तो सरकार ने नाकाबिल शिक्षकों को चिह्नित क्यों नहीं किया? इस पर बिहार सरकार के वरीय अधिवक्ता श्याम दीवान ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि नियोजित शिक्षकों को समान वेतन देने पर सरकार को साइकिल, पोशाक और अन्य कल्याणकारी योजनाओं को बंद करनी होगी.

गौरतलब है कि बिहार के नियोजित शिक्षकों के ‘समान काम समान वेतन’ के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एएम स्प्रे और जस्टिस यूयू ललित की खंडपीठ सुनवाई कर रही है. बिहार के करीब 3.70 लाख नियोजित शिक्षक सुप्रीम कोर्ट के फैसले का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. नियोजित शिक्षकों के मामले में पटना हाईकोर्ट ने 31 अक्टूबर 2017 को नियोजित शिक्षकों के पक्ष में फैसला सुनाया था. बाद में राज्य सरकार ने 15 दिसंबर 2017 को सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी. 29 जनवरी 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने मामले की पहली सुनवाई की थी. इसके बाद से समय-समय पर सुनवाई चल रही है.

2 अगस्त को भी सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार के अधिवक्ता से कहा था कि शिक्षक राष्ट्र निर्माता हैं. इन्हें सबसे ज्यादा सैलरी मिलनी चाहिए, ताकि वे बेफिक्र होकर बेहतर राष्ट्र का निर्माण कर सकें. कोर्ट ने अधिवक्ता से यह भी पूछा था कि आप आईएएस ऑफिसर को ज्यादा सैलरी देते हैं, इंजीनियर को ज्यादा सैलरी देते हैं, पर संविधान में यह बात नहीं है. इस पर बिहार सरकार के अधिवक्ता कोई जवाब नहीं दे सके. तब कोर्ट ने पूछा कि वर्तमान सिस्टम को सुधारने और नियोजन को खत्म करने में आपको कितने दिन लगेंगे. तब सुनवाई के लिए 7 अगस्त की तिथि निर्धारित की गई थी. लेकिन इस बार भी लगातार तीन दिनों तक सुनवाई होने के बाद भी फैसला नहीं आ सका और एक बार भी सुनवाई की तारीख बढ़ गई है. अब इसकी सुनवाई 14 अगस्त को होगी.संघ अपना पक्ष रखेगा. संघ के पक्ष रखने के बाद सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा .

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