सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में या फिर पुरे देश में मंत्री बनाए जाने की अहर्ता केवल जाति है न कि योग्यता . मंजू वर्मा के इस्तीफे के बाद समाज कल्याण विभाग का प्रभार शिक्षा मंत्री कृष्णानंदन वर्मा को दे दिया गया है. मंजू वर्मा की जगह तत्काल उस विभाग की जिम्मेवारी कृष्णानंदन वर्मा को दिए जाने की वजह उनकी योग्यता नहीं बल्कि जाति है. मंजू वर्मा कुशवाहा बिरादरी से आती हैं .उन्होंने अपने पति के ऊपर आरोप लगने के बाद अपने इस्तीफे की मांग उठने पर भी अपनी जाति को ही ढाल बनाने की कोशिश की थी.इसलिए उन्हें हटाने के बाद उस विभाग का तत्काल प्रभार भी दूसरे कुशवाहा मंत्री कृष्णानंदन वर्मा को दिया गया है.
इस सच्चाई का खुलासा खुद मंत्री ने किया. उन्होंने कहा कि इस विभाग की मंत्री कुशवाहा जाति से थी इसलिए उसका प्रभार उन्हें कुशवाहा होने की वजह से दिया गया है. हालांकि मंत्री कृष्णानंदन वर्मा को यह भी पता है कि वो कुछ ही दिनों के इस विभाग के मंत्री हैं. उन्होंने कहा कि बहुत जल्द ही इस विभाग का मंत्री किसी कुशवाहा को बना दिया जाएगा. मंत्री कृष्णानंदन वर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री जाति –पाति पर ज्यादा भरोसा नहीं करते लेकिन जिस तरह से आज की राजनीति में जाति की भूमिका बढ़ गई है, मंत्री बनाने में जाति का ध्यान रखना नीतीश कुमार की मजबूरी है.
गौरतलब है कि समाज कल्याण विभाग में बड़ा घपला घोटाला और बालिका गृह महा-रेपकांड उजागर होने और उसमे मंत्री को दोषी पाए जाने के वावजूद भी इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि इस विभाग को अगला मंत्री पहले वाले से ज्यादा योग्य और ईमानदार मिलेगा. क्योंकि इस विभाग के लिए मंत्री योग्यता ( कार्य क्षमता –ईमानदारी) के आधार पर नहीं बल्कि जाति के आधार पर चुना जाएगा.सरकार के पास विकल्प के रूप में पार्टी के केवल कुशवाहा नेता हैं. यानी कुशवाहा मंत्री की कुर्सी गई है तो उसकी भरपाई के लिए कुशवाहा को ही इस विभाग का मंत्री बनाया जाएगा.