सिटी पोस्ट लाइव : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस्तीफे की मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए जेडीयू के वरिष्ठ नेता के.सी. त्यागी ने कहा कि दिल्ली का विपक्ष का धरना बिहार में हुई ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक’’ घटना से ‘‘राजनीतिक लाभ’’ उठाने के लिए यह संबंधित दलों का एक ‘‘मित्रता दिवस’’ था. त्यागी ने कहा, ‘‘बच्चियों से बलात्कार राजग सरकार और नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार सरकार के खिलाफ विपक्षी दलों के लिए एकता तथा उनका (कुमार) इस्तीफा मांगने का मुद्दा कैसे हो सकता है. बिहार में असहाय पीड़िताओं को लेकर यह राजनीति अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण चीज है.’’ उन्होंने कहा कि विपक्ष की मांग के बावजूद नीतीश बिहार के मुख्यमंत्री पद से कभी इस्तीफा नहीं देंगे. त्यागी ने विपक्षी दलों को चुनौती दी कि वे नीतीश कुमार को विधानसभा में अपदस्थ करके दिखाएं.
केसी त्यागी ने कहा, ‘‘नीतीश एक संवेदनशील व्यक्ति हैं और घटना को लेकर लज्जित महसूस कर रहे हैं जिसे विपक्षी दल उनकी अंतरात्मा पर चोट करने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं. लेकिन वह कभी भी इस्तीफा नहीं देंगे, हम उन्हें ऐसा नहीं करने देंगे.’’ जेडीयू नेता ने कहा कि नीतीश के इस्तीफे की मांग बालू माफिया और शराब माफिया की ‘‘मदद’’ पर केंद्रित है जिन पर राज्य सरकार ने प्रभावी तरीके से रोक लगाई है. उन्होंने कहा, ‘‘मैं सीताराम येचुरी और डी राजा की भी निन्दा करता हूं जिन्होंने जे एन यू अध्यक्ष चंद्रशेखर और पूर्णिया के विधायक अजीत सरकार की हत्याओं को भुला दिया और राजद के प्रदर्शन में शामिल हो गए.’’ जदयू के राज्यसभा सदस्य और पार्टी प्रवक्ता त्यागी ने कहा कि नीतीश कुमार ने मामले की जांच की निगरानी के लिए पटना उच्च न्यायालय को लिखा था और जोर दिया कि पार्टी यहां तक कि उच्चतम न्यायालय की निगरानी में भी जांच को तैयार है.
उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ने आरोपी के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की और राजद तथा विपक्षी दलों की इच्छा के अनुरूप घटना की सीबीआई जांच की सिफारिश की. त्यागी ने कहा कि तब भी विपक्षी दल घटना का इस्तेमाल झूठ फैलाने के लिए कर रहे हैं तथा राजनीतिक उद्देश्यों और बालू एवं शराब माफिया, जिन पर राज्य की नीतीश सरकार ने प्रभावी रोक लगाई है, की मदद के लिए षड्यंत्र की कहानियां गढ़ रहे हैं.जदयू नेता ने आरोप लगाया कि विपक्षी दल जदयू तथा नीतीश कुमार को हटाकर राज्य में ‘‘अराजकता’’ तथा ‘‘जंगल राज’’ की वापसी चाहते हैं. त्यागी ने यह मांग भी की कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में देश के सभी आश्रय गृहों की जांच हो जानी चाहिए.
इस धरना में आये केजरीवाल और तेजस्वी ने तो खूब नीतीश कुमार पर हमला किया लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने नीतीश कुमार पर सीधे कोई हमला नहीं किया. राहुल गांधी ने अपने बहुत छोटे से संबोधन में मुजफ्फरपुर कांड की जांच की मांग की थी. इसके बाद उन्होंने अपना निशाना बीजेपी पर केन्द्रित कर दिया था .उन्होंने नीतीश कुमार के खिलाफ आयोजित इस धरने का का रुख बीजेपी और आरएसएस और केंद्र की राजनीति की तरफ बड़ी चतुराई से मोड़ दिया था. राहुल गांधी के भाषण के बाद यह सवाल पूछा जाने लगा था कि क्या उनके मन में अभी भी नीतीश कुमार के लिए सॉफ्ट कॉर्नर है? जेडीयू नेता केसी त्यागी ने राहुल गांधी के भाषण की तारीफ करके सबकुछ साफ़ कर दिया है. एक रिपोर्ट के अनुसार केसी त्यागी ने कहा है कि इस आयोजन के दौरान राहुल गांधी ने सबसे संतुलित और बेहतर तरीके से अपनी बात रखी. जेडीयू उसकी तारीफ करती है.