सिटी पोस्ट लाइव: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को नए अनुसूचित जाति एवं जनजाति (एससी-एसटी) अत्याचार निवारण विधेयक को मंजूरी दी है. मोदी सरकार इसे संसद के वर्तमान सत्र में ही पारित करा लेगी. एससी-एसटी एक्ट को लेकर श्रेय लेने की होड़ मच गई है. केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख रामविलास पासवान सरकार के इस फैसले से बेहद खुश हैं.केंद्र सरकार के एससी-एसटी एक्ट को लेकर किए गए फैसले ने उन्हें कितनी बड़ी राहत दी है. चिराग पासवान और लोजपा का संगठन दलित सेना ने तो बाकायदा चेतावनी दे रखी थी की अगर इस पर केंद्र सरकार फैसला नहीं लेती है तो पार्टी कुछ भी फैसला ले सकती है.
एससी-एसटी एक्ट को मूल स्वरुप में ही लागू करने के फैसले पर रामविलास पासवान और उनकी पार्टी क्रेडिट लेने में तनिक भी पीछे नहीं रहे. जिम में बैठे रामविलास पासवान से जब सवाल किया गया तो वो सिलसिले वार तरीके से लोजपा के साथ साथ दलित सेना और चिराग पासवान को क्रेडिट देते नजर आए. जाहिर है मुद्दा दलित वोट बैंक से जुड़ा हुआ है और दलित वोट की अहमियत इस वक्त देश में क्या है, ये हर राजनीतिक दल को पता है. बिहार में भी रामविलास पासवान के सहयोगी सवाल खड़े करते नज़र आ रहे हैं.
जेडीयू तो गंभीर सवाल खड़ा कर रही है रामविलास पासवान पर तो बीजेपी भी सधी हुई जुबान से चुटकी ले रही है. एनडीए में क्रेडिट के इस खेल के बीच आरजेडी भी कूद पड़ी है और एनडीए पर हमला बोल रही है.बहरहाल, एससी-एसटी एक्ट को लेकर क्रेडिट लेने की होड़ लगी हुई है.जेडीयू नेता श्याम रजक जो इस मुद्दे पर पासवान को मोदी कैबिनेट से इस्तीफा देने की चुनौती दे रहे थे अब कह रहे हैं कि दलितों के आन्दोलन के खिलाफ में कलतक पासवान बोल रहे थे और अब दलित राग अलाप रहे हैं.श्याम रजक ने कहा कि अब दलीय जग चुके हैं. अब कोई उनके हक़ और हकूक को नहीं छीन सकता.ये दलितों की जीत है ना कि किसी नेता की.
आरजेडी ने मोदी सरकार के इस फैसले को महज एक आइवाश करार दिया है. तेजस्वी यादव ने कहा कि दलित बीजेपी का असली चेहरा देख चुके हैं. ऐसी और एसटी एक्ट को कमजोर करनेवाले न्यायधीश को ईनाम में ऍनजीटी का चेयरमैन बना दिया और अब दलितों की फुफकार से डर कर अपने ही फैसले को बदलने का नाटक कर रही है.तेजस्वी ने कहा कि दलित इस चुनावी तिकड़म को समझते हैं.