चैन की नींद सो जाइए , बिंदास है आपकी सना, 30 घंटे मौत से लड़ने के वावजूद चेहरे पर नहीं है सिकन

City Post Live

सिटी पोस्ट लाइव: तीन साल की सना अब अस्पताल पहुँच चुकी है लेकिन उसकी चिंता अब आपको करने की जरुरत नहीं है. सना बिलकुल सही सलामत है.उसकी सेहत बिलकुल ठीक है. 30 घंटे बाद वह मौत के बोरवेल से बाहर निकली है.लेकिन चेहरे पर कोई भय और सिकन की निशानी नहीं है. यह तीन साल की बिटिया कितनी बहादुर है,इसका अंदाजा आपको उसकी एक तस्वीर देखने के बाद आपको लग जाएगा. बोरवेल में फंसी रही लेकिन हिम्मत नहीं हारी. मां को आवाज देती रही.पानी और बिस्किट की मांग करती रही.सबसे बड़ा सवाल कैसे 42 फीट की गहराई में फंसी एक तीन साल की बच्ची 30 घंटे बाद भी सही सलामत है ? यह ईश्वर का चमत्कार है, ऐसा भी मानने वालों की कमी नहीं है .लेकिन ये  भी उतना ही सच है कि यह कोई मामूली बच्ची नहीं बल्कि भारत की भविष्य है. भविष्य की वीरांगना है. जिसने तीन साल की उम्र में मौत को मात दे दिया वह बड़ी होकर क्या करेगी ,इस बात का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है

मुंगेर में 28 घंटे से ज्यादा चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद तीन साल की मासूम बच्ची सना को सकुशल बचा लिया गया है. एसडीआरएफ की टीम की जी तोड़ मेहनत और लोगों की दुआओं के बूते सना जब बोरवेल से बाहर आयी तो नजारा काफी मार्मिक था. लोगों को यकीन नहीं हो रहा था कि तीन साल  की बच्ची मौत को मात देकर बोरवेल से बाहर निकल आयी.घटनास्थल के बाहर एंबुलेस को तैनात किया था, जिसमें डॉक्टरों की टीम के साथ सना की मां भी मौजूद थीं. बच्ची को बोरवेल के निकालने के बाद तुरंत सदर अस्पताल ले जाया गया है, जहां उसकी गहनता से जांच की गई. बच्ची ने बिस्कुट खाया है.

लगातार 30 घंटे सन्नो को बोरवेल से निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने के बाद यह कामयाबी मिली है.एनडीआरएफ  की टीम ने रेस्क्यू के लिये 45 फीट का गड्ढा खोद कर बच्ची को बाहर रात 10  बजे बोरवेल से बाहर निकाला . एल शेप की खुदाई कर एनडीआरएफ की टीम बच्ची तक पहुँचने में कामयाब रही . घटनास्थल के पास पहले से ही एक एबुंलेस को तैयार रखा गया था. एंबुलेंस में सन्नो  की मां, डॉक्टर और परिवार के दूसरे परिजन शाम 8 बजे से ही बैठकर सन्नों के बाहर निकलने का इंताजर कर रहे थे. जिले के डीएम और एसपी भी मौके पर थे .उनके सामने ही सन्नू को सुरंग से बाहर निकाला गया. .

सन्नो को बोरवेल से बाहर निकालने के बाद उसे अस्पताल में  भर्ती  करा दिया दिया गया. बोरवेल से बाहर निकलते ही एम्बुलेंस में बच्ची का ईलाज शुरू हो गया.  बच्ची का ईलाज शुरू हो चूका है.लेकिन अभी भी अस्पताल के बाहर सैकड़ों लोग बच्ची की एक झलक पाने को बेताब हैं. लोगों की भीड़ को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा के कड़े प्रबंध किये गए हैं. बच्ची के ईलाज में कोई परेशानी न हो पुलिस इस बात को लेकर लोगों की भीड़ को नियंत्रित करने में जुटी है.पुलिस लोगों से अपने अपने घर जाने की अपील कर रही है .सिटी पोस्ट लाइव एकबार आपको फिर से यह बता देना चाहता है कि आपकी सना बिलकुल दुरुस्त है. स्वस्थ है, सानंद है और आपकी दुवाओं की बदौलत कुछ घंटों में ही अपने घर चली जायेगी.

सना अपना ईलाज कर रहे डॉक्टर से टॉफ़ी मांग रही है. टॉफ़ी देने के बाद ही उसने डॉक्टर को ईलाज करने की ईजाजत दी.सना को जब चोकोलेट मिला वह, खाने लगी और डॉक्टर हैरान थे. डॉक्टर का कहना है कि ऐसी बहादुर बिटिया उन्होंने पहले कभी नहीं देखा. उसे देखकर कोई अंदाजा नहीं लगा सकता कि वह 30 घंटे के बाद मौत के बोरवेल से बाहर निकली है.30 घंटे खाने को कुछ नहीं मिला इसलिए कमजोर जरुर हो गई है .लेकिन बीमार बिलकुल नहीं है.

बच्ची की सकुशल निकलने के बाद  उसके जल्द स्वस्थ होने को लेकर लोग अस्पताल के बाहर प्रार्थना कर रहे हैं. पटना समेत राज्य के अलग-अलग इलाकों से सन्नो की सलामती के लिये पूजा-पाठ और हवन किया जा रहा था..गौरतलब है कि बच्ची सन्नो  मंगलवार की शाम घर के अंदर ही खेल रही थी. इसी दौरान तीन बजे के करीब वह घर में मौजूद बोरवेल में गिर गई. सन्नो  की मां की रोने-चीखने की आवाज़ सुनकर पड़ोसियों ने प्रशासन को इसकी खबर दी.राहत बचाव कार्य शुरू हुआ और 30 घंटे बाद बच्ची को सही सलामत बोरवेल से निकाल लिया गया.30 घंटे के बाद मुंगेर समेत पुरे देश के लोगों ने सन्नों के बाहर निकलने के बाद राहत की सांस ली है.

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