सिटी पोस्ट लाइव (सोमनाथ): सरकारी महकमे में उस समय हंगामा मच गया जब रविवार को पटना के बेली रोड पर बन रहा लोहिया चक्र पथ बनकर तैयार होने से पहले ही मानसून की पहली सामान्य बारिश में ही क्षतिग्रस्त हो गया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद मामले का जायजा लेने पहुँच गए. उन्होंने निरिक्षण के दौरान निर्माण कार्य में कोताही नहीं बरतने की चेतावनी देते हुए कहा कि निर्माणाधीन पुल क्यों ध्वस्त हुआ,कारण का पता होना चाहिए.
मानसून की पहली मूसलधार बारिश से पटना पानी-पानी तो हो ही गया साथ ही राजधानी की लाइफलाइन मानी जानेवाली बेली रोड की सड़क भी भी धंस गई. बेली रोड पर बन रहे फ्लाई ओवर के निकट निर्माणाधीन लोहिया चक्र पथ के पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो जाने से बेली रोड पर यातायात पूरी तरह से बाधित हो गया.इस सड़क के ध्वस्त होने की खबर पाते ही मुख्यमंत्री पथ निर्माण मंत्री के साथ वहां पहुंचे और स्थल का निरीक्षण किया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया कि यह नेहरु पथ है, जिसे लोग आज भी बेली रोड के नाम से जानते हैं. अंग्रेजों के जमाने में ही यह सड़क बनायी गई थी. यह सड़क लगभग 100 साल पुरानी है. इसका चौड़ीकरण भी हुआ है. इसके ड्रेनेज पर भी काम किया गया है. इस सड़क पर ट्रैफिक की बहुलता को देखते हुए आईआईटी के विशेषज्ञों ने अध्ययन करके पथ चक्र बनाने की सलाह दी थी. उन्होंने कहा कि चूंकि यहां से साइड में कई सड़कें खुलती हैं और ट्रैफिक कई जगहों पर बाधित होती है, उसका एक मात्र उपाय था पथ चक्र.
मुख्यमंत्री ने बताया कि कि मेट्रो रेल के एलाइनमेंट के साथ बनने वाले लोहिया चक्र पथ के तालमेल को भी ध्यान में रखा गया है. इसके अलावा ड्रेनेज और सीवरेज की प्रॉब्लम को देखकर इसका डिजाइन तैयार किया गया है. उसी के हिसाब से काम चल रहा था. लेकिन जिस ढंग से रात में वर्षा हुई और उसके बाद जो यह हादसा हुआ है, तो इसकी पूरी समीक्षा की जायेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क को दुरुस्त करने का काम तो होगा ही साथ ही यह पता भी किया जाएगा कि ऐसा क्यों हुआ?
मुख्यमंत्री ने यह कहा कि इस घटना ने एक तरह से सचेत भी कर दिया है. अभी तो यहां खुदाई चल रही थी और यहां एलिवेटेड रोड बनाना था. उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि इस सड़क की और नीचे तथा गहराई से अध्ययन करने की जरुरत है हो सकता है इस प्रोजेक्ट को भी फिर से नए सिरे से समझाना और देखना होगा. उन्होंने कहा कि आगे ऐसी घटना न हो कारणों का पता लगाकर ही आगे काम करना होगा.मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सड़क तो बहुत पुरानी है और कभी भी इस तरह की स्थिति उत्पन्न नहीं हुई है. वर्षा तो पहले भी हुई है और इससे कई गुना अधिक हुई है लेकिन पहलीबार सड़क धंस जाने की घटना हुई है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोहिया चक्र पथ बनानेवाले विशेषज्ञों के साथ मेट्रो रेल के एक्सपर्ट को भी बुलाया जाएगा. उनलोगों के साथ पूरे बेली रोड का अध्ययन किया जाएगा ताकि भविष्य में इस तरह की घटना नहीं हो. उन्होंने चेतावनी के साथ ही नसीहत भरे शब्दों में कहा कि एलिवेटेड रोड बनाने के सिलसिले में जो काम चल रहा था, उसमें अगर एक दिन की बारिश से ये हालत हो गई, तो यह चिंता का विषय है.