सिटी पोस्ट लाइव: मुजफ्फरपुर बालिका गृह के 29 नाबालिग लड़कियों के साथ यौन शोषण का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. पुलिस ने इस मामले में बालिका गृह के संचालक ब्रजेश ठाकुर को जेल तो भेंज दिया है लेकिन खबर आ रही है कि ब्रजेश ठाकुर इस मामले में एक बड़ा खुलासा करना चाहता है. ब्रजेश ठाकुर का दावा है कि उसके इस खुलासे बिहार की राजनीति में बवाल आ जाएगा. बड़े बड़े लोग नंगे हो जायेगें. सूत्रों के अनुसार ब्रजेश ठाकुर ने जेल से ही इस मामले की जांच कर रही महिला थानाप्रभारी को फोन कर अपने बालिका गृह में आनेवाले आधा दर्जन से ज्यादा बड़े नेताओं का नाम गिना दिया है. सूत्रों के अनुसार ब्रजेश ठाकुर के इस बगावती तेवर से पुलिसवालों के हाथपांव भी फूलने लगे हैं.हालांकि जब सिटी पोस्ट लाइव ने महिला थानाध्यक्ष से इस सम्बन्ध में पूछताछ की तो उन्होंने इस तरह की किसी बातचीत से उन्होंने साफ़ इनकार कर दिया.
सूत्रों के अनुसार ब्रजेश ठाकुर इस मामले में अपनी गिरफ्तारी से बेहद नाराज है. उसका कहना है कि बालिका गृह में वह अपने परिवार के साथ रहता है फिर वह खुद ऐसी गड़बड़ी कैसे कर सकता है. उसका आरोप है कि कॉन्ट्रैक्ट रद्द कर देने की धमकी देकर अधिकारी और नेता उसके बालिका गृह का गलत इस्तेमाल करते रहे.वह चाहकर भी कुछ नहीं कर पाया.ब्रजेश ठाकुर उन नेताओं, विधायकों और मंत्रियों के नाम का खुलासा करना चाहता है जो लगातार बालिका गृह आते थे .उसके ऊपर दबाव बनाकर लड़कियों के साथ गलत काम करते थे. सूत्रों के अनुसार बालिका गृह से कुछ नेताओं द्वारा पटना के एक बड़े होटल में लड़कियों को लाया जाता था.ब्रजेश ठाकुर उन तमाम नेताओं के बारे में पुलिस को बताना चाहता है.लेकिन पुलिस उसके कहानी पर भरोसा नहीं कर रही है.
खुदीराम, केन्द्रीय कारा मुजफ्फरपुर में विचाराधीन बंदी के रूप में बंद ब्रजेश ठाकुर के साथ रहनेवाले एक बंदी जो कोर्ट में पेशी के लिए आया था,उसका कहना था कि ब्रजेश ठाकुर ,पुलिस को सबकुछ बताने को तैयार है लेकिन पुलिस उससे पूछताछ ही नहीं कर रही . बंदी के अनुसार ,ब्रजेश ठाकुर ,इस महापाप कांड में ऐसे -ऐसे राजनेताओं का नाम बता रहा हैं, जिसमें कई बड़े ओहदे पर हैं और कई बड़े ओहदों पर रहें हैं. एक पुलिस अधिकारी के अनुसार ब्रजेश ठाकुर को रिमांड पर लेने के लिए पुलिस ने कोर्ट में दो बार आवेदन दिया हैं लेकिन कोर्ट ,रिमांड पर उसे लेने की अनुमति नहीं दे रहा है. कोर्ट ने पुलिस को जेल में ही ब्रजेश ठाकुर से पूछताछ कर लेने का निर्देश दे दिया .लेकिन पुलिस का कहना है कि वह जेल में पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहा है.अब सवाल ये उठता है कि ब्रजेश पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहा है या पुलिस के हिसाब से बयान नहीं दे रहा है? क्या पुलिस उसे रिमांड पर लेकर थर्ड डीग्री के जरिये उससे मनमाफिक बयान दिलवाना चाहती है ? अगर ऐसा बयान पुलिस ले भी लेती है तो भी किस काम का होगा वो बयान जो कोर्ट में टिकेगा ही नहीं.
सूत्रों की मानें तो ब्रजेश ठाकुर और बालिका गृह के अधीक्षक के पास कई ऐसे ऑडियो और वीडियो क्लीप हैं जो इस महापाप में शामिल बड़े लोगों का पर्दाफाश के लिए काफी हैं. महिला अधीक्षक मधु अभीतक पुलिस की गिरफ्त में नहीं आई है. उसकी सुरक्षित गिरफ्तारी पुलिस के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती है.अगर उससे थोड़ी भी चूक हुई तो उसकी जान भी जा सकती है. और मामले में शामिल बड़े लोगों के बच निकलने का रास्ता साफ़ हो सकता है. मुख्य आरोपी को बचाने के लिए राजदार को मार डालने की संभावना तो हमेशा बनी रहती है.हालांकि अभीतक ह ठाकुर के द्वारा पुलिसवालों को जेल से फोन किये जाने और नेताओं के नाम बताये जाने की खबर अपुष्ट है.पुलिस ने अभीतक इसकी पुष्टि नहीं की है.