सिटी पोस्ट लाइव: आज से श्रावणी मेला की शुरुवात हो रही है. सुल्तानगंज में लाखों शिव भक्त गंगा जल लेने पहुँच चुके हैं. श्रावणी मेला का उद्घाटन उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी आज शुक्रवार को सुल्तानगंज में किया . इस श्रावणी मेला के उद्घाटन कार्यक्रम में 1 दर्जन से ज्यादा मंत्री मौजूद रहें. एक माह तक चलने वाले इस मेले में केसरिया वस्त्रधारी भक्त कांवर में सुल्तानगंज स्थित उत्तर वाहिनी गंगा का जल लेकर 105 किलोमीटर पैदल पांव यात्रा कर वैद्यनाथधाम पहुँचते हैं. भगवान शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंग का जलाभिषेक कर मनवांछित फल प्राप्त करते हैं.
एक आंकड़े के अनुसार एक माह तक चलने वाले श्रावणी मेले में करीब 30 लाख कांवरिया श्रद्धालु बाबा का जलाभिषेक करने जाते हैं. मेले में अरबों की खरीद-बिक्री होती है और करीब 30 हजार स्थायी व अस्थाई दुकानदार आकर्षक आय अर्जित करते हैं. कांवर मखमल के आकर्षक कपड़े से लिपटी बांस की बहंगी होती है, जिसके दोनों ओर जल पात्र रखने के लिए रस्सी के झूले लटके रहते हैं. वह घंटियां, फूल की मालाएं, प्लास्टिक के सर्प, ऐनक आदि से सजा-धजा होता है.
पूरे कांवरिया पथ पर कांवरियों के विश्राम व अन्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए सरकार सरकार व निजी संस्थाओं द्वारा पर्याप्त व्यवस्था की गई है. पथ के दोनों ओर होटल और दुकानें खुली हैं. बिहार के भागलपुर जिले के सुल्तानगंज के गंगा से लेकर झारखंड के बैद्यनाथ धाम तक एक महीने तक शिव भक्तों का मजमा लगा रहता है. सुल्तानगंज में सिलीगुड़ी, नेपाल, बंगाल, छत्तीसगढ़, गोखरपुर, देवरिया, रांची से लेकर बिहार के कई शहरों से शिव भक्त पहुँच चुके हैं. कांवरिये भगवान भोले शंकर से मनोवांछित फल पाने के लिए सुल्तानगंज में गंगा में डुबकी लगाकर नंगे पांव कांवर यात्रा पर चल पड़े हैं. देवघर वैद्यनाथधाम पहुँच कर ये शिव भक्त भगवान शिव पर जलाभिषेक करेंगे. सुल्तानगंज से लेकर पूरा कच्ची कांवरिया पथ केसरियामय हो गया है.
बिहार के सुल्तानगंज से शुरू होनेवाली यह यात्रा कई पड़ाव से होते हुए देवघर तक पहुँचती है. सुल्तानगंज से लेकर देवघर के रास्ते में सैकड़ों पड़ाव हैं और हर जगह पर यात्रियों के रुकने खाने पीने की व्यवस्था है. इन पड़ाव स्थलों पर कांवरियों के विश्राम के लिए विभिन्न सुविधाओं से युक्त सरकार व गैर सरकारी संस्थाओं की ओर से विभिन्न सुविधाओं से युक्त धर्मशालाएं व पंडाल लगाए गए हैं.