सिटी पोस्ट लाइव: बिहार के मुजफ्फरपुर के बालिका गृह कांड को लेकर हो रहे हंगामे के बाद बिहार के पुलिस महानिदेशक के एस दिवेदी आज मंगलवार को मीडिया से मुखातिब हुए . उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन कर अपनी बात रखते हुए कहा कि वो पुलिस की जांच से पूरी तरह संतुष्ट हैं और इस मामले में सीबीआई जांच की जरूरत नहीं है. डीजीपी ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि इसमें सीबीआई जांच की कोई जरूरत है. उन्होंने बिहार पुलिस की जांच को सही और संतोषप्रद बताते हुए कहा कि समाज कल्याण विभाग ने खुद से ये आडिट करवा कर सच्चाई को सामने लाया था .
बालिक गृह की एक लड़की की हत्या के बाद उसे वहीँ दफना दिए जाने के बारे में उन्होंने कहा कि 164 में ऐसा बयां किसी लड़की ने नहीं दिया था. बाद में तीन लड़कियों ने अलग—अलग पूछताछ में यह बयान दिया जिसके बाद बालिका गृह की खुदाई की गई .लेकिन वहां कुछ नहीं मिला.इस मौके पर मौजूद समाज कल्याण विभाग के सचिव ने कहा कि कार्रवाई सरकार के आदेश पर ही हो रही है. हमने खुद ही छपरा के मामले को डिटेक्ट किया. वहां मानसिक रूप से बीमार लड़की से दुष्कर्म हुआ था .आरोपी सिक्योरिटी गार्ड को गिरफ्तार किया गया है.
कल्याण विभाग के सचिव ने कहा कि सामाजिक अंकेक्षण जून 2017 में ही सभी आवासीय सुविधाओं वाली संस्थाओं की जांच कराने को कहा गया था. उम्मीद ही नहीं थी कि ऐसी बात सामने आएगी. सुधार के दृष्टिकोण से कराया गया. अप्रैल 2018 में टीस की रिपोर्ट आई. रिपोर्ट की हमने समीक्षा की. जैसे ही इस दौरान आपराधिक मामला सामने आया तुरत कार्रवाई की गई .सारी कार्रवाई सरकार के निर्देश पर ही हो रहा है.
उन्होंने बताया कि मुजफ्फरपुर में बालिका गृह चलाने के लिए सेवा संकल्प एवं विकास समिति को 24 अक्टूबर 2013 को समाज कल्याण विभाग ने कॉन्ट्रैक्ट दी थी. 1 अक्टूबर 2013 से बालिका गृह शुरू हुआ . समाज कल्याण विभाग ने खुद से टाटा इंस्टिच्यूट ऑफ सोशल साइंसेज को चल रहे सभी बालिका गृह के ऑडिट कराने की जिम्मेवारी दी थी.