सिटी पोस्ट लाइव: विपक्ष के वाकआउट के बीच बिहार विधानसभा में शराबबंदी कानून में संशोधन विधेयक पास हो गया. विधेयक पास होने के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराबबंदी की अच्छाइयों को गिनाया. नीतीश कुमार ने साफ कर दिया कि इस कानून के दुरुपयोग को रोकने के लिए इसमें संशोधन किया गया है. उन्होंने यह भी स्वीकर किया कि वर्तमान शराबबंदी क़ानून में जो सज़ा का प्रावधान है, वो अपराध के हिसाब से ठीक नहीं है.
बिहार विधान सभा से पास हो गया शराबबंदी कानून में संशोधन के अनुसार पहली बार शराब पीते पकड़े गये तो 50 हजार रुपये जुर्माना लगेगा . यदि ग्रुप में पकड़े गये हैं तो जुर्माने की राशि प्रति व्यक्ति ली जाएगी. जुर्माना नहीं देने की स्थिति में तीन माह तक की सजा होगी. आपको कोर्ट से जमानत लेनी होगी. यदि दूसरी बार शराब पीते पकड़े गये तो जुर्माने की राशि एक लाख रुपये हो जाएगी. इस पर सजा की अवधि भी बढ़ जाएगी. इसी तरह तीसरी या अधिक बार पकड़े जाने पर जुर्माना या सजा की अवधि नियम के अनुसार बढ़ती जाएगी.
लेकिन सबसे बड़ी बात ये है कि अब शराब मिलने पर अब मकान सील नहीं होगा और न ही सामूहिक जुर्माने का प्रावधन होगा. लेकिन मैरिज हॉल, होटल या किसी अन्य जगहों पर शराब पार्टी करते लोग पकड़े गये तो पार्टी के आयोजक के खिलाफ भी कार्रवाई होगी. इसके साथ ही प्रशासन उस जगह को भी सील करेगा. नये संशोधन के अनुसार वाहन में शराब पीते पकडे गए तो वहां और पैसा जप्त नहीं होगा .लेकिन शराब ढोनेवाले वाहनों को जब्त किया जाएगा और शराब ढोनेवाले चालक पर भी कार्रवाई होगी.
किसी परिवार द्वारा दखल किए गए स्थान अथवा मकान में शराब पायी जाती है या उपयोग की जाती है तो इसके लिए 18 वर्ष से अधिक उम्र वाले परिवार के सभी सदस्यों को दोषी मानने के कानून को ख़त्म कर दिया गया है. शराब में जहरीले पदार्थ को मिलाना अथवा मादक द्रव्य के सेवन से किसी की मृत्यु होती है तो इसे बनाने वाले को मृत्यु अथवा आजीवन कारावास होगा और न्यूनतम पांच लाख जुर्माना होगा. इस जुर्माने की राशि को 10 लाख तक बढ़ाया जा सकेगा. यदि सेवन से कोई निशक्त हो जाता है अथवा गंभीर क्षति होती है तो दोषी को कम से कम 10 साल की सजा हो सकती है.
बहरहाल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने माना कि शराबबंदी का सूबे के लोगों पर अच्छा प्रभाव पड़ा है. 85 परसेंट लोगों ने इसे अच्छा माना है. उन्होंने यह भी कहा कि शराबबंदी से घर के झगड़े खत्म हुए हैं. पारिवारिक झंझट अब नहीं हो रहे हैं. परिवार में पैसे बच रहे हैं. परिवार में अब दूध, मिठाई की खपत बढ़ गई है. शराबबंदी से दुर्घटनाएं कम हुई हैं, अपराध घटे हैं और शादी-ब्याह में अब नागिन डांस नहीं हो रहे हैं. लेकिन संशोधन के बाद भी दोषी नहीं बचेंगे और कोई नागिन डांस नहीं कर सकेगा.