सिटी पोस्ट लाइव : बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड के स्टाफ से सांठगांठ कर फर्जी सर्टिफिकेट बनवाकर टीचर की नौकरी हासिल करने के मामले में पटना पुलिस ने शनिवार को बड़ी कारवाई की है. पुलिस ने इस मामले में शनिवार को कई जिलों में छापेमारी की . फर्जीवाड़ा के इस बड़े खेल में पटना पुलिस की एसआईटी को अभी 13 टीचर्स की तलाश है जिनमे ज्यादातर महिलाएं शामिल हैं. फर्जी सर्टिफिकेट पर नौकरी पाने के रैकेट का शुक्रवार को खुलासा होने के बाद सभी फर्जी शिक्षक फरार हो गए हैं.
बिहार बोर्ड के कर्मचारियों से फर्जी सर्टिफिकेट और प्रमाण पत्र बनवाने के इस रैकेट में दलालों का एक बड़ा गिरोह भी शामिल है.लेकिन अभीतक कोई दलाल पुलिस के हाथ नहीं आया है.इस रैकेट में शामिल बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड के दो कर्मचारी पकडे जा चुके हैं लेकिन एक फरार हो गया है.. इस पूरे खेल का खुलासा शनिवार को करते हुए पटना के एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि फर्जी तरीके से टीईटी के तहत टीचर की नौकरी हासिल करने के लिए प्रति कैंडिडेट 5 लाख रुपए की डील तय हुई थी. दलालों के माध्यम से इस काम को किया गया था.
एसएसपी के अनुसार इस बात का खुलासा तब हुआ, जब एसआईटी ने बेगूसराय की रहने वाली एक महिला टीचर के हसबेंड अरूण कुमार को पकड़ा. अरूण खुद एक प्राइेवट टीचर है. फर्जीवाड़े के इस खेल का ये माहिर खिलाड़ी है. इसने ही दलालों के जरिए सांठगांठ की. फर्जीवाड़े के इस खेल का खुलासा शुक्रवार को बोर्ड के चेयरमैन आनंद किशोर और एसएसपी मनु महाराज ने एक संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में किया था. शुरूआती कार्रवाई के दौरान पुलिस ने बोर्ड के दो स्टाफ और बेगूसराय की तीन महिला टीचर को गिरफ्तार किया था. तीन महिला टीचर में गिरफ्तार किए गए अरूण की वाइफ भी शामिल है. एसआईटी अभी अरूण से पूछताछ कर रही है.