शराबबंदी से नाराज मांझी ने कहा- महागठबंधन की सरकार बनी तो रद्द होगा यह कानून

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सिटी पोस्ट लाइव :  बिहार के पूर्व सीएम, हम पार्टी के नेता, जीतन राम मांझी शराबबंदी से सबसे ज्यादा परेशान हैं. वो लगातार शराबबंदी के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. अब उन्होंने महागठबंधन की सरकार बनने पर सबसे पहले शराबबंदी को ख़त्म कर देने का एलान किया है. मांझी ने कहा कि  अगर हमारी सरकरा बनती है तो इस कानून को परिमार्जित किया जाएगा. पत्रकार द्वारा परिमार्जित शब्द का अर्थ पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हम इस कानून में संशोधन कर बदलाव करेंगे. जहां शराब को बंद करने की जरूरत होगी वहां बंद किया जाएगा. लेकिन जहां शराब को बंद करने की आजश्यकता नहीं होगी वहां इसे बंद नहीं किया जाएगा.

मांझी ने कहा कि अगर महागठबंधन की सरकार बनती है तो तेजस्वी यादव ही सीएम बनेंगे. मेरे एनडीए में रहने से बीजेपी के कुछ नेताओं को परेशानी हो रही थी. इसलिए हम एनडीए का साथ छोड़ महागठबंधन में शामिल हो गए हैं. हालांकि पीएम मोदी का नाम लेते हुए उन्होंने कहा कि मोदी जी सदैव मुझे सम्मान देते रहे हैं. बिहार का ऐतिहासिक शराबबंदी कानून बदल गया है  जिसे पहले सख्त बनाया गया था. अब उसमे थोड़ी सी ढ़ील दी गई है. बताया जा रहा है कि विधान सभा सत्र के पहले दिन राज्य सरकार ने नए शराबबंदी कानून में क्या क्या बदलाव होगा इसको लेकर मसौदा तैयार कर लिया है.

शराब के क्रय-विक्रय, परिवहन या तैयार करने के आरोप में पहली बार पकड़े जाने पर पांच वर्ष से कम की कैद और एक लाख रुपये तक जुर्माना होगा. शराब पीते अगर पहली बार पकड़े गए तो 50 हजार रुपये का जुर्माना या तीन महीने की सजा होगी. दूसरी बार पकड़े गए तो पूर्व के अपराधों को भी देखा जाएगा. 10 वर्ष के कठोर कारावास से कम तथा पांच लाख रुपये से कम जुर्माना नहीं होगा. अभी तक प्रावधान यह है कि शराब पीते पकड़े जाने पर 10 साल से कम की सजा नहीं होगी. विधेयक के आरंभ में ही यह स्पष्ट कर दिया गया है कि संशोधन के प्रावधान सभी लंबित वादों पर भी लागू होंगे.

इस नए नियम के तहत प्रथम अपराध के लिए पांच वर्ष से कम की जेल होगी. वहीं अगर कोई व्यक्ति पहली बार पीते पकड़ा गया तो 50000 जुर्माना या तीन महीने जेल की सजा होगी. दसूरी ओर नकली शराब मामले में उम्रकैद और दस लाख जुर्माने का प्रावधान किया गया है.

शराबबंदी कानून के विरोधियों को सीएम ने बताया दलित विरोधी

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि शराबबंदी कानून से हम कोई समझौता नहीं करने जा रहे हैं. इसके लिए भले चाहे जो हो जाए, हर कुर्बानी देने को तैयार हैं. शराबबंदी फैसला समाज के लिए ऐतिहासिक निर्णय है. इसका विरोध करने वाले लोग समाज के दुश्मन हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी का विरोध आत्मघाती होगा. जो लोग शराबबंदी का विरोध कर रहे हैं वो समाज सुधार का विरोध कर रहे हैं. हम शराबबंदी से कोई समझौता नहीं करेंगे और न ही शराबबंदी का विरोध करने या दुष्प्रचार करने वालों के सामने झुकेंगे. उन्होंने कहा कि शराबबंदी का विरोध करने वालों और शराब माफियाओं द्वारा यह दुष्प्रचार किया जा रहा है कि राज्य में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद डेढ़ लाख लोग जेल में बंद हैं. लेकिन जेलों में इतनी क्षमता कहां है कि इतनी बड़ी संख्या में लोग बंद किए जाएं.

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