सिटी पोस्ट लाइव ( अंजलि श्रीवास्तव ): बिहार सरकार के बालिका सुधार गृह में बच्चियों का केवल यौन शोषण ही नहीं हो रहा है.यौवन शोषण का विरोध करनेवाली बच्चियों की हत्याएं भी हो रही हैं.सूत्रों के अनुसार मुजफ्फरपुर से मेडिकल टेस्ट के लिए पटना लाई गई बालिका गृह की एक बच्ची ने खुलासा किया है कि जब यौवन उत्पीडन का एक लड़की ने विरोध किया तो उसकी हत्या कर दी गई. हत्या के बाद उसके शव को गुपचुप तरीके से दफना दिया गया. इस लड़की की मानें तो शुरू में यौवन शोषण का विरोध किये जाने की कोशिश बच्चियों ने की थी.लेकिन विरोध करने पर एक बच्ची की निर्मम हत्या कर दिए जाने के बाद सभी बच्चियों ने डर से सरेंडर कर दिया .
ये बच्चियां कोई अपराधी नहीं हैं. कोई अपराध करके वो सरकारी बालिका गृह में नहीं आई हैं. वो अनाथ हैं या फिर उनके साथ कोई अपराध हुआ है, जिसके कारण उनकी सुरक्षा को लेकर सरकारी बालिका गृह में उन्हें रखा गया है.लेकिन ये सरकारी बालिका गृह ही सबसे ज्यादा असुरक्षित उनके लिए बन गए हैं. सरकारी खर्चे पर सरकारी अधिकारियों की निगरानी में स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा संचालित इन बालिका गृह को सरकारी चकला घर बना दने की घटना समाज और सरकार दोनों को ही हिला देने के लिए काफी है. गौरतलब है कि टाटा इंस्टीच्यूट की एक संस्था द्वारा ऑडिट की गई एक रिपोर्ट में बिहार के 13 रिमांड होम में बच्चियों के साथ हिंसा का खुलासा हुआ था. अभीतक केवल बड़ी कारवाई मुजफ्फरपुर बालिका गृह के मामले में ही हुई है. और इस कारवाई से बालिका गृह में रहनेवाली अधिसंख्य बच्चियों के यौवन शोषण का खुलासा हुआ है.
मुजफ्फरपुर एसपी के अनुसार बालिका गृह के बच्चियों का मेडिकल रिपोर्ट सामने आ गया है .लेकिन अभीतक 20 लड़कियों की रिपोर्ट आना बाकी है. अभीतक 21 लड़कियों की रिपोर्ट ही सामने आई है जिसमे से केवल 5 बच्चियों के साथ रेप नहीं होने की बात सामने आई है.यानी बाकि लड़कियों के साथ रेप हुआ है. अभी 20 लड़कियों की रिपोर्ट आना बाकी है. बालिका गृह की एक बच्ची की हत्या के मामले में एसपी का कहना है कि मामला उनके संज्ञान में है और जांच शुरू कर दी गई है.लेकिन सबसे बड़ा सवाल एक बालिका गृह में एक बच्ची की हत्या हो गई, दो दर्जन से ज्यादा बच्चियों के साथ बलात्कार हो गया फिर भी मामला किसी अधिकारी के संज्ञान में कैसे नहीं आया ? बालिका गृह की सुरक्षा के लिए चार लेयर के अधिकारी वहां तैनात थे फिर उन्हें अबतक कोई खबर क्यों नहीं हुई ? एक संस्था कुछ घंटों की पड़ताल से सबकुछ जन गई फिर वहां तैनात अधिकारियों को सैलून से चल रहे इस सेक्स रैकेट की भनक कैसे नहीं लगी ?.