सिटी पोस्ट लाइव : महंगाई एकबार फिर से अपनी चरम पर है. विनिर्मित वस्तुओं की कीमतों में तो तेजी आई ही है साथ ही खाने-पीने की चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं. ईंधन महंगा होने के कारण देश का थोक मूल्य सूचकांक 4.43 फीसदी से बढ़कर जून में 5.77 फीसदी तक पहुँच गया है. वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले महीने डब्ल्यूपीआई की दर साल-दर-साल आधार पर भी साल 2017 के जून माह की तुलना में 0.90 फीसदी अधिक रही. मंत्रालय के बयान में आगे कहा गया है, चालू वित्त वर्ष में अब तक बिल्ट अप मुद्रास्फीति दर 2.49 फीसदी रही है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसमें 0.44 फीसदी की गिरावट रही थी.
प्राथमिक वस्तुओं में खाद्य वस्तुओं का सूचकांक में भार 15.26 फीसदी है, जिसकी महंगाई दर में मई में 1.60 फीसदी वृद्धि हुई थी, जबकि पिछले महीने यह 1.80 फीसदी रही. ईंधन और बिजली की लागत का सूचकांक में 13.15 फीसदी भार है. विनिर्मित उत्पादों पर खर्च 4.17 फीसदी बढ़ा, जो पिछले महीने 3.73 फीसदी था. इसका सीधा असर खाने पीने की चीजों के दाम पर हुआ है. साल-दर-साल आधार पर जून में प्याज की कीमतों में 18.25 फीसदी और आलू कीमतों में 99.02 फीसदी की तेजी दर्ज की गई है. कुल मिलाकर सब्जियों की कीमतों में 8.12 फीसदी का उछल आया है .
सब्जियों की महंगाई दर में भारी बढ़ोतरी हुई है. आलू के दाम करीब दोगुने बढ़ गए हैं. जबकि प्याज की महंगाई दर 13 फीसदी से बढ़कर 18 फीसदी हो गई. लेकिन फलों के मामले में जरूर राहत है. जिनकी महंगाई दर डबल डिजिट से घटकर जून में करीब 4 परसेंट के आसपास रह गई है. मई में ये 15.4 परसेंट थी. जून में महंगाई बढ़ने की बड़ी वजह ये भी है कि पेट्रोल-डीजल और बिजली भी महंगी हुई हैं. ये मई के 11.22 परसेंट से बढ़कर16.18 परसेंट हो गई है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दामों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. रिटेल महंगाई दर ने आंकड़ों में भी यही ट्रेंड था. पिछले हफ्ते रिटेल महंगाई दर 5 परसेंट के पास पहुंच गई जो पांच महीने का सबसे ज्यादा स्तर था.