20 साल बाद चैंपियन बना फ्रांस, करोड़ों का दिल क्रोएशिया की टीम ने जीता

City Post Live - Desk

20 साल बाद चैंपियन बना फ्रांस, करोड़ों का दिल क्रोएशिया की टीम ने जीता

फीफा वर्ल्ड कप 2018 के फाइनल मुकाबले में अपनी काबिलियत और भाग्य के दम पर फ्रांस ने रविवार को क्रोएशिया को 4-2 से हराकर दूसरी बार विश्व चैंपियन का ताज हासिल किया. फ्रांस ने मैच के 18वें मिनट में ही मारियो मैंडजुकिच के आत्मघाती गोल से बढ़त बना ली थी. इसके बाद 38वें मिनट में पेनल्टी पर एंटोनी ग्रीजमैन के गोल ने क्रोएशिया को मैच से दूर कर दिया. 59वें मिनट में पॉल पोग्बा और फिर 65वें मिनट में काइलियन एमबेपे के गोल ने क्रोएशिया के विश्व कप जीतने के सपने को चूर-चूर कर दिया. रूस के लुज्निकी स्टेडियम में खेले गए बेहद रोमांचक और नाटकीय मैच में पहली बार विश्व कप खेल रही क्रोएशिया को शिकस्त देकर फ्रांस फुटबॉल का विश्व विजेता बना. इस मैच में कप भले ही फ्रांस ने जीता हो, लेकिन दुनिया के करोड़ों फुटबॉल प्रेमियों का दिल क्रोएशिया की टीम ने जीता.ये टीम पहली बार फुटबॉल का वर्ल्ड कप खेल रही थी. और पहली ही कोशिश में इस टीम के धुंरधरों ने दुनिया के कई नामी-गिरामी देश को मात दिया और फाइनल तक पहुंच गई. 40 लाख की आबादी वाली क्रोएशिया की टीम ने फुटबॉल के दीवानों प्यार करने के लिए एक नयी टीम दी, जो उनके उम्मीदों पर एकदम सटीक थी. रविवार को लुज्निकी स्टेडियम में मैच के बाद बेहद भावुक माहौल था. आंसू दोनों ही टीम के खिलाड़ियों के बह रहे थे. फ्रांस को 20 बाद ये गौरव हासिल करने का मौका मिला था, तो क्रोएशिया ने अपने पहले ही दम में दुनिया को चौका दिया था. फाइनल का मुकाबला क्रोएशिया के लिए थोड़ा बैडलक रहा. पहली बार फाइनल खेल रही क्रोएशिया किसी भी तरह के दवाब में नहीं थी. वो उसी तरह की फुटबाल खेल रही थी जिस तरह की पूरे विश्व कप में खेलती आ रही थी. उसने फ्रांस पर दवाब बनाए रखा और गेंद अपने पास ज्यादा रखी. 18वें मिनट में ऐसा पल आया जो अभी तक विश्व कप के फाइनल में कभी नहीं आया और जिसने क्रोएशियाई टीम तथा प्रशंसकों को निराश कर दिया. फ्रांस को फ्री किक मिली जिसे एंटोनी ग्रीजमैन ने लिया. ग्रीजमैन की किक को क्लीयर करने के प्रयास में क्रोएशिया के मारियो मानजुकिच आत्मघाती गोल कर बैठे. उन्होंने अपने हेडर के जरिये गेंद को बाहर भेजना चाहा, लेकिन गेंद सीधे नेट में गई और फ्रांस बिना प्रयास के 1-0 से आगे हो गई. यह विश्व कप के फाइनल में किया गया पहला आत्मघाती गोल है.

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