City Post Live
NEWS 24x7

बिहार 13 जिलों में पड़ गया है भयंकर सुखाड़, धान की फसल बचाना हुआ मुश्किल

पूरे राज्य में पटना सहित 13 जिलों में 60 से 86 प्रतिशत तक कम बारिश होने से सूखे जैसे हालत

-sponsored-

-sponsored-

- Sponsored -

सिटी पोस्ट लाइव डेस्क : बिहार में अभी से भयंकर सूखा पड़  गया है. मिल रही खबर के अनुसार खेती के काम में लगे किसानों के बीच हा-हाकार मचा हुआ है. बारिश हो नहीं रही, बिजली आँख-मिचौली खेल रही है, डीजल की कीमत आसमान छू रही है, ऐसे में किसान तबाही के कगार पर खड़े हैं. पूरे राज्य में पटना सहित 13 जिलों में 60 से 86 प्रतिशत तक कम बारिश हुई है. कम बारिश से  रोपनी रुक गई है. बिचड़ा भी सूखने लगा है. जहां रोपनी भी हुई है, वहां फसल को सूखे से बचाने के लिए हां-हाकर मचा हुआ है.

सरकार ने कम बारिश को देखते हुए जिलों को वैकल्पिक फसल योजना तैयार रखने का निर्देश दिया है. कम बारिश के कारण अब तक लगभग 14 प्रतिशत ही रोपनी हो सकी है. कृषि विशेषज्ञों के अनुसार 15 जुलाई तक रोपनी हो, तो धान का उत्पादन अधिक होने की संभावना रहती है. हालांकि कम अवधि वाले धान की रोपनी जुलाई के अंत तक की जा सकती है. विभिन्न जिलों में लगभग 92 प्रतिशत बिचड़ा के लिए धान की बुआई हो चुकी है. महज आधा दर्जन जिलों में ही सामान्य बारिश हुई है. मात्र बांका जिले में सामान्य से थोड़ी अधिक बारिश हुई है. राज्य के विभिन्न जिलों में एक जून से 13 जुलाई तक सामान्य बारिश 316.1 एमएम बारिश होनी चाहिए थी, लेकिन बारिश वास्तविक बारिश 202 एमएम ही बारिश हुई है. रोपनी के महत्वपूर्ण समय में ही बारिश नहीं होना, धान उत्पादन के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं.

पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, शिवहर, दरभंगा, समस्तीपुर, बेगूसराय, सुपौल, अररिया, मधेपुरा, पूर्णिया, कटिहार, बक्सर, भभुआ, रोहतास,बक्सर, गया, नवादा, नालंदा, जमुई, लखीसराय, बेगूसराय, समस्तीपुर व दरभंगा जिले में 60% तक कम बारिश होने से हां-हाकर मचा हुआ है. सरकार ने बारिश नहीं होने की स्थिति में बिचड़ा और रोपनी वाले खेत में सिंचाई के लिए डीजल सब्सिडी का प्रावधान किया है. डीजल मूल्य में बढ़ोतरी के अनुरूप राज्य सरकार ने प्रतिलीटर 40 रुपए डीजल पर किसानों को अनुदान का प्रावधान किया है. राज्य सरकार ने डीजल अनुदान के लिए 90 करोड़ की राशि जिलों में भेज दी है. कृषि विभाग ने अपने अधिकारियों को निर्देश दिया है किसानों को बिचड़ा लगाने से रोपनी और फसल तैयार होने तक 5 सिंचाई के लिए डीजल सब्सिडी की व्यवस्था है. प्रति एकड़ 40 रुपए प्रति लीटर की दर से 400 रुपए डीजल सब्सिडी देने का प्रावधान है लेकिन यह सब्सिडी लेने में किसानों के पसीने छूट रहे हैं.

खरीफ में कुल 41.20 लाख हेक्टेयर में विभिन्न फसलों की खेती से कुल 122.74 लाख टन उत्पादन का लक्ष्य है. 2017 में 35.90 लाख हेक्टेयर में 84.91 लाख मैट्रिक टन उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिसकी उपलब्धि अच्छी रही थी. 1.75 लाख हे. में दलहन की खेती से कुल 2.0 लाख मिट्रिक टन का उत्पादन का लक्ष्य है.लेकिन सूखे की वजह से लक्ष्य बहुत दूर दिख रहा है.

- Sponsored -

-sponsored-

- Sponsored -

Comments are closed.