सिटी पोस्ट लाइव : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तमाम कोशिश के वावजूद अगर शराबबंदी पूरी तरह से सफल नहीं हो पा रही है तो इसकी वजह उनकी पुलिस है. जब पुलिसवाले ही शराब की तस्करी करायेगें, खुद शराब पियेगें, तो उनसे क्या उम्मीद की जा सकती है? पहले गया जिले में एक थानेदार शराब तस्कर से रिश्वत लेते पकड़ा गया. और अब एक सब इंस्पेक्टर दरभंगा में शराब पार्टी करते पकड़ा गया है .शनिवार को लहेरियासराय पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि रामनंदन मिश्र राजकीय बालिका इंटर स्तरीय विद्यालय में शराब पार्टी चल रही है. लहेरियासराय थाना की पुलिस जब छापेमारी करने पहुंची तो उसके होश उड़ गए. अन्दर शराब पार्टी चल रही थी .स्कूल के अंदर पुलिस पहुंची तो दंग रह गयी. प्रिंसिपल रूम के बगल में स्टाफ रूम में टेबल पर सजी थी शराब की महफ़िल . पुलिस वाले परेशान थे क्योंकि शराब पार्टी में एक सब-इंस्पेक्टर भी शामिल था. दूसरे जनाब उसी स्कूल के प्रिंसिपल सियाराम यादव थे. दो लोग और भी थे. जो पुलिस वाला पकड़ा गया वह दरभंगा के बहादुरपुर थाने में पदस्थापित एसआई उमेश कुमार सिंह है. एक निजी स्कूल संचालक पंकज कुमार और चौथा व्यक्ति स्कूल के बगल का स्थानीय विनोद सहनी हैं. इनके पास से 28 हजार रुपये एक शराब की बोतल बरामद की गयी है.
अब जब इस तरह से स्कूल कॉलेज के प्रिंसिपल, शिक्षक और पुलिस के अधिकारी ही शराब पार्टी करने लगें तो फिर भगवन ही मालिक है. सब-इंस्पेक्टर के शराब पार्टी में पकडे जाने की खबर शहर में जंगल की आग की तरह फ़ैल गई .लोगों ने सवाल शुरू कर दिया, क्या दूसरों को शराब पीने पर जेल भेंज देनेवाली पुलिस के लिए शराब पीने की छूट है ? शराब के चक्कर में एक दारोगा जी बुरी तरह फंस गए .पुलिस की मजबूरी थी इसलिए इस पुलिसवाले को भी बाकी लोगों के साथ पकड़ लिया .
सभी शराबियों को पकड़ कर लहेरिया सराय थाने पर लाया गया. सबों की ब्रेथ एनालाइजर मशीन से जांच की गयी. सभी शराब के नशे में चूर थे. इसके बाद पुलिस ने पार्टी में शामिल सभी लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जेल भेज दिया. इधर घटना को लेकर शहर भर में चर्चा हो रही है. खासकर दारोगा के पकड़े जाने को लेकर मामला गरम है.लोग तो सवाल पूछेगें ही, ये दारोगा जी तो रोज शराबियों को पकड़ते थे. मनमाफिक नजराना नहीं मिलने पर जेल भेंज देते थे और आज खुद शराब पार्टी करते पकडे गए ? क्या मिलेगी इनको सजा ? बर्खास्त होंगें या निलंबित ? बर्खास्तगी तो होनी नहीं है क्योंकि सरकारी मुलाजिम है. निलंबित करने की आभासी सजा जरुर दे दी जायेगी .