सिटी पोस्ट लाइव : बिहार पुलिस “ हम नहीं सुधरेगें” की तर्ज पर काम कर रही है. इसके एक से शर्मनाक कारनामे सामने आ रहे हैं. अब सीवान जिले से पुलिस की अवैध वसूली से नाराज व्यवसायियों द्वारा सिवान में सड़क जाम और प्रदर्शन किये जाने की खबर आई है. पुलिस केवल अवैध वसूली ही नहीं करती, अगर किसी ने विरोध किया तो उसकी धुनाई भी कर दे रही है. चोरी और सीनाजोरी करनेवाली पुलिस लोगों के लिए आफत बन गई है. सिवान में अवैध वसूली का विरोध करने पर एक व्यवसायी की शुक्रवार को पुलिस वालों ने पिटाई कर दी. इस घटना से गुस्साए लोगों ने वाहनों को बीच सड़क पर लगाकर जाम कर दिया और पुलिस अधिकारियों को बुलाने की मांग करने लगे. सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष मिथिलेश कुमार दल बल के साथ मौके पर पहुंचे. आरोपियों पर उचित कार्रवाई का आश्वासन देकर जाम खुलवाया. हंगामे की वजह से करीब 3 घंटे तक यूपी-बिहार मुख्य मार्ग पर जाम लगा रहा.
सिटी पोस्ट लाइव के रिपोर्टर अभिषेक के अनुसार यूपी-बिहार मुख्य मार्ग पर गुठनी थाने के एएसआई राजेश सिंह ने गाड़ियों की जांच के क्रम में तेनुआ धर्मकांटा के पास एक ट्रक को रोककर ड्राइवर से दस्तावेज दिखाने को कहा. एएसआई दस्तावेज को अवैध बताकर एक लाख रुपए की मांग करने लगा .इतना ही नहीं बल्कि एएसआई ने ड्राइवर को लालच दिया कि वह मालिक से एक लाख रुपए ले जिसमें 50 हजार रुपए उसे भी फायदा होगा. लेकिन ड्राइवर ने मालिक को फोन कर मामले की सही सही जानकारी दे दी.सूचना मिलते ही बालू व्यवसायी कुछ लोगों के साथ मौके पर पहुंचे और एएसआई को पेपर दिखाया. इस बीच दोनों के बीच विवाद हुआ और पुलिसकर्मी ने व्यवसायी सोनू सिंह को थप्पड़ जड़ दिया. इसके बाद व्यवयासी के साथ आए कुछ लोगों ने हंगामा कर दिया. गाड़ी को बीच सड़क पर लगाकर जाम कर दिया. तबतक सैकड़ों व्यवसायी पहुँच गए सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष मौके पर पहुंचे और समझा-बुझाकर मामला शांत कराया.
बालू व्यवसायी सोनू सिंह का आरोप है कि गुठनी थाने के एएसआई राजेश सिंह ने जबरन 50 हजार रुपए लिए और मारपीट के दौरान गले से सोने का चेन छीन लिया. सोनू सिंह का कहना है कि गुठनी पुलिस कागज को अवैध बताकर पहले भी कई बार वसूली कर चुकी है.लेकिन उस चोर पुलिसवाले के खिलाफ अबतक कोई कारवाई नहीं हुई है. अगर करवाई होगी भी तो ज्यादा से ज्यादा निलंबन .यानी पुलिस वाला बड़ा से बड़ा अपराध करे तो भी उसे आभासी सजा और एक आम आदमी एक छोटी भूल भी करे तो उसे कड़ी से कड़ी सजा.