सिटी पोस्ट लाइव: बिहार में शराबबंदी के 2 साल पुरे हो गए हैं. शराबबंदी को लेकर जागरूकता के लिए आयोजित विश्व की सबसे बड़ी मानव श्रंखला के लिए बिहार को राष्ट्रपति सम्मान भी मिल चुका है. बिहार में बेशक शराबबंदी नीतीश कुमार ने लागू किया है लेकिन इसको लागू करवाने का असली श्रेय बिहार की उन महिलाओं को जाता है जिन्होंने नीतीश कुमार को बिहार में शराबबंदी के लिए प्रेरित किया है. बिहार में शराबबंदी के पीछे जिन महिलाओं ने लड़ाई लड़ी उन्हें आज भी लगता है कि शराबबंदी ने उन्हें ना सिर्फ केवल सामाजिक रूप से सबल बनाया, बल्कि उनकी आर्थिक समृद्धि भी बढी है. आज गुरुवार को ईन महिलाओं से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यक्रम मन की बात में बात की. महिलायें उन्हें शराबबंदी के पहले और बाद के अनुभव को पीएम के साथ साझा किया .
तमाम सामाजिक और राजनीतिक विरोधों के बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कैबिनेट की बैठक में शराबबंदी के कानूनों में बदलाव कर उसे पहले से लचीला बना दिया है. बिहार में शराबबंदी के पीछे जिन महिलाओं ने लड़ाई लड़ी उन्हें आज भी लगता है कि शराबबंदी ने उन्हें ना सिर्फ केवल सामाजिक रूप से सबल बनाया, बल्कि वह आर्थिक रूप से भी पहले से ज्यादा मजबूत हैं. आज गुरुवार को ये महिलाएं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करेंगी और अपनी कहानी बताएंगी.
पटना से करीब 50 किलोमीटर दूर नालंदा जिले के रहुई ब्लॉक के खाजे इतवार सराय गांव की सुषमा को आज भी वो दिन याद है, जब पहली बार पति और घरवालों की वजह से शराब बंद करवाने के लिए उसने आवाज उठाई थी. उसपर जानलेवा हमला भी हुआ था. फिर भी अपने संकल्प से पीछे नहीं हटी और डटी रही. सुषमा ने अपने सेल्फ हेल्फ़ ग्रुप की बहनों की मदद से ना सिर्फ अपने परिवार के अंदर, बल्कि गांव में भी इसको लेकर मोर्चा खोला और सफलता पाई. सुषमा और उसके साथियों को जरूरत थी उनके आंदोलन को कानूनी जामा पहनाने की. इसके लिए राज्य सरकार की दखल की जरूरत थी.
गौरतलब है कि इन्हीं महिलाओं ने 9 जुलाई 2015 को पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में ‘मद्य निषेध दिवस’ के मौके पर हुए एक समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपने कड़वे अनुभव सुनाए थे. इस समारोह में पहुंची हजारों औरतों ने एक साथ आवाज दिया था- ‘मुख्यमंत्रीजी शराब को बंद कराइए, इससे हजारों घर-परिवार बबार्द हो रहे हैं’. नीतीश कुमार ने उसी समय एलान कर दिया था कि अगर वे दोबारा सत्ता में आएंगे, तो शराब पर पूरी तरह से पाबंदी लगा देंगे. इसलिए शराबबंदी लागू करवाने का पूरा श्रेय इन्हीं महिलाओ को जाता है.शराबबंदी के बाद उसे सफल बनाने में भी ईन महिलाओं ने अहम् भूमिका निभाई .आज उन्हीं महिलाओं के अनुभव को पीएम मोदी ने सूना . ईन महिलाओं ने पीएम मोदी से देश भर में शराबबंदी लागू करने की मांग कर दी. जैसे ही प्रधानमंत्री ने उनसे उनकी मन की बात पूछा उन्होंने देशभर में शराबबंदी लागू किये जाने की अपनी मांग रख दी. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज महिला स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं से ‘नरेंद्र मोदी ऐप’ के जरिए रूबरू हुए. महिला स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि उनका सौभाग्य है कि आज देशभर की 1 करोड़ से ज्यादा महिलाओं से संवाद करने का उन्हें अवसर मिला है.