.सिटी पोस्ट लाइव : बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की पटना यात्रा को लेकर सियासी हलचल बढ़ गई है .बीजेपी के नेता तैयारियों में जुटे हैं वहीँ विपक्षी पार्टियां निशाना साधने में जुटी हैं. कई दिनों के बाद आरजेडी नेता तेजस्वी ने आज अपनी चुप्पी तोड़ते हुए ट्वीट कर अमित शाह और नीतीश कुमार पर निशाना साधा है. तेजस्वी यादव ने ट्वीट किया है कि 18 वर्षों के अज़ीज साथी गिरीराज सिंह और नीतीश कुमार अंदरखाने मिलकर ऊपर से बनावटी विरोध प्रकट करते है. RSS प्रमुख मोहन भागवत के बाद अब दोनों के साथ वर्षों से अर्जित अति विशेष नॉलेज शेयरिंग एवं ट्रेनिंग देने अमित शाह बिहार आ रहे है. कुछ दिनों बाद बिहार में साइड इफ़ेक्ट्स दिखेंगे.
राजद के ही वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने भी अपने फेसबुक पोस्ट से अमित शाह और नीतीश कुमार की मुलाकात के कई मायने और फंसने वाले पेंच के बारे में ज्ञान बांटा है. अमित शाह नीतीश जी से मिलेंगे. अनिश्चितता का माहौल समाप्त हुआ. दोनों के बीच अब एक नहीं बल्कि दो मुलाक़ात होगी. हालाँकि पहली मुलाक़ात समूह में होगी. भाजपा के नेताओं के साथ. असली मुलाक़ात तो रात में होगी. भोजन पर. भाजपा गठबंधन के मुख्यमंत्री के रूप में नीतीश जी की अमित शाह से यह पहली मुलाक़ात होगी. विधान सभा के पिछले चुनाव में नीतीश जी महागठबँधन की ओर से मुख्यमंत्री के चेहरा थे. अमित साह उस चुनावी अभियान में बिहार के लोगों को चेता रहे थे. नीतीश अगर मुख्यमंत्री बनेंगे तो पाकिस्तान में दिवाली मानेगी. इसलिए पहली मुलाक़ात में पुरानी बात की याद की थोड़ी झेंप तो होगी.
शिवानन्द तिवारी आगे बताते हैं कि कहाँ पेंच फंसने वाला है. वो लिखते हैं- लेकिन दोनों की बातचीत का असली पेंच तो बड़े भाई का दर्जा का है. बिहार में चेहरा किसका बड़ा होगा ! नीतीश कुमार का या नरेंद्र मोदी का ! बड़ा भाई कौन है, या किसका चेहरा बड़ा है, इसकी कसौटी क्या होगी ? स्वाभाविक है कि आगामी चुनावों में जो ज़्यादा सीट पर चुनाव लड़ेगा बिहार की जनता उसे ही बड़े भाई का दर्जा देगी. क्या भाजपा के लिए नीतीश कुमार को सीट बँटवारे में एक नंबर का स्थान देना संभव है ! सहज बुद्धि तो कहती है कि यह नामुमकिन है. तब नीतीश कुमार क्या रूख अपनायेंगे यह देखना दिलचस्प होगा.
बीजेपी के नेता गिरिराज सिंह ने तेजस्वी और शिवानन्द तिवारी दोनों पर निशाना साधते हुए कहा है कि पहले वो अपना घर दुरुस्त करें फिर दूसरे के बारे में ज्ञान बाँटें. कुछ लोग सठिया गए हैं तो कुछ लोगों का बचपना हावी है. बीजेपी और एनडीए की चिंता छोड़ ये नेता पहले अपने घर परिवार की चिंता करें तो ज्यादा बेहतर होगा.बहार के चक्कर में अपना घर भी गवां बैठेगें.