सड़क में है गड्ढे या गड्ढे में है सड़क, नगर परिषद ने भी किये आत्मसमर्पण

City Post Live - Desk

सड़क में है गड्ढे या गड्ढे में है सड़क, नगर परिषद ने किये आत्मसमर्पण

सिटी पोस्ट लाइव स्पेशल : सहरसा जिला मुख्यालय हल्की बारिश में ही राष्ट्रीय आपदा झेल रहा है। जिला मुख्यालय के दर्जनों मुहल्ले के लोग घर से निकलकर कहीं भी जाने की स्थिति में नहीं हैं। इस खबर में हम आपको महज दो वार्ड के दो मुहल्ले की सड़क से आपको रूबरू करा रहे हैं जबकि जिला मुख्यालय में 40 वार्ड हैं जिसमें कई मुहल्ले हैं। सबसे पहली तस्वीर वार्ड संख्यां 13 की है। यह भवानीनगर की सड़क तस्वीर है। इस सड़क से कम से कम दो हजार परिवार की आवाजाही होती है। बरसात के शुरू में ही जब यह आलम है, तो जब बारिश अपने पूरे मिजाज में होगी, तो उस समय के मंजर का अंदाजा आप खुद लगाएं।मुहल्ले के समाजसेवी रौशन झा, अक्षय झा, दिनेश सिंह, नरेश पासवान, बैजू पासवान के अलावे वार्ड संख्यां 12 के पार्षद राजेश कुमार सिंह कई बार उच्चाधिकारियों से मिलकर इस बड़ी समस्या से निजात की गुहार लगा चुके हैं लेकिन परिणाम सिफर आया है। इस मामले में नगर परिषद कार्यपालक पदाधिकारी नीलाभ कृष्ण सहित नगरपरिषद के सभी कर्मी ना केवल अपने हाथ खड़े कर चुके हैं बल्कि एक तरह से आत्मसमर्पण भी कर चुके हैं।आज एक प्रतिनिधिमंडल सहरसा की महिला कलक्टर शैलजा शर्मा से मुलाकात कर अपनी व्यथा सुनाते हुए एक ज्ञापन भी सौंपा।मोहतरमा ने इस प्रतिनिधिमंडल को योजना पदाधिकारी के पास भेजा। लेकिन योजना पदाधिकारी अपने कक्ष से नदारद थे। अब ये लोग जाएँ,तो जाएँ तो जाएँ कहाँ ? इनकी पीड़ा सरकार देखे। विकास की डफली बजाने वाले जमीनी हकीकत को देखो,यह तस्वीर शासन और प्रशासन के लिए हमाम में सारे नंगे हैं की तकसीद कर रहा है।अब हम आपको लेकर वार्ड संख्यां 11 आये हैं ।यह नजारा गौतम नगर कचहरी ढाला से पूरब का है। रेलवे की जमीन में एक कच्चा नाला का निर्माण किया गया है। अब नाला किधर है और सड़क किधर है,आम लोग उलझ गए हैं। समझ में नहीं आता है कि चलना किधर से है। यही नहीं कुछ दबंगों ने बांस की जाफरी से अलग से रास्ता बंद कर दिया है जिससे आम आदमी को आने-जाने में और वाहन को चलने में घनघोर समस्या आ रही है।जब हमने इस समस्या के निजात के लिए मोहल्लेवासियों से बोला की सभी लोग अपनी-अपनी जाफरी को 13 फीट अंदर कर लीजिए तो रास्ता भी निकल जाएगा और सभी लोग का पानी नाला होते हुए गुजर जाएगा। लेकिन किसी ने अपनी स्वीकृति नहीं दी ।हद तो यह है कि यहाँ पर एक कोचिंग संस्थान चलता है। जब हमने उनसे जाफरी अंदर करने की बात की, तो उन्होंने कहा कि जाफरी अंदर नहीं करेंगे,चाहे इसके लिए जो हो जाए।अब आप ही लोग बताइए रेलवे की जमीन का अतिक्रमण कर के एक कोचिंग चलाया जाना कितना सही है? इस महान कोचिंग का नाम है एक्साइलेंट स्टडी पॉइंट। यह दबंगई से रास्ता नहीं दे रहे हैं। जाहिर तौर पर यह एक बड़ी वजह है जिससे आम आदमी को आने-जाने में काफी परेशानी झेलनी पड़ती है ।जागो सिस्टम जागो। त्राण दिलाओ लोगों को सरकार।

सहरसा से संकेत सिंह की रिपोर्ट

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