सिटी पोस्ट लाईव : मोहम्मद शहाबुद्दीन की तरफ से दायर की गई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को नोटिस जारी किया है. शहाबुद्दीन को पटना हाईकोर्ट ने आर्म्स एक्ट के तहत दोषी ठहराया था, जिसे शहाबुद्दीन ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. शहाबुद्दीन की याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को नोटिस जारी किया है.
गौरतलब है कि शहाबुद्दीन को पटना हाईकोर्ट ने आर्म्स एक्ट के तहत दोषी ठहराया था, जिसे शहाबुद्दीन ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. दरअसल, यह मामला शहाबुद्दीन द्वारा सीवान के पूर्व एसपी सिंघल पर हुए हमले से जुड़ा हुआ है. मो. शहाबुद्दीन को इस मामले में लोअर कोर्ट से मिली 10 साल की सजा को हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया था. शहाबुद्दीन पर सीवान के तत्कालीन एसपी सिंघल पर जानलेवा हमला कराने का आरोप लगा था. आरोप लगने के बाद कोर्ट ने शहाबुद्दीन के दोनों बॉडीगार्ड को भी दस साल की सजा सुनाई थी, जिसे हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया था.
कोर्ट ने 10 साल की सजा को रद्द कर दिया था, लेकिन आर्म्स एक्ट में मिली सजा को बरकरार रखा थी. कोर्ट ने आर्म्स एक्ट के दो केस में 10 साल और 5 साल की सजा दी थी. शहाबुद्दीन फिलहाल विभिन्न मामलों में दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद है.दरअसल शहाबुद्दीन ने साल 1996 के लोकसभा चुनाव में चुनावी बूथ पर गड़बड़ी फैलाने के आरोप में गिरफ्तार करने निकले तत्कालीन एसपी एसके सिंघल पर गोली चला दी थी. इस मामले में आरोप था कि खुद शहाबुद्दीन ने गोलियां दागी और एसपी सिंघल को जान बचाकर भागना पड़ा. इस मामले में भी शहाबुद्दीन को दस साल की सजा हो चुकी है
गौरतलब है कि शहाबुद्दीन कई मामलों में जेल में बंद है. सीवान के पूर्व सांसद और बाहुबली मो. शहाबुद्दीन पर करीब 45 आपराधिक मामले दर्ज हैं. दो अलग-अलग घटनाओं में अपने तीन बेटे गंवा चुके चंद्रकेश्वर प्रसाद उर्फ चंदा बाबू और आशा रंजन ने याचिका दायर कर आरजेडी नेता को तिहाड़ जेल में रखने का आग्रह किया था.उस आग्रह के बाद सुप्रीम कोर्ट ने शहाबुद्दीन को तिहाड़ जेल में रखने का आदेश दिया था.
गौरतलब है कि एक जमाने में शहाबुद्दीन के नाम की तूती बोलती थी बिहार में. सिवान जिले में तो उनकी समानांतर सत्ता लालू यादव के राज में कायम थी. लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पंगा लेने के बाद वो लगातार जेल में कई वर्षों से बंद हैं. अब सिवान में उनका दबदबा पूरी तरह से ख़त्म हो चूका है.उनके राजनीतिक विरासत को संभालने की कोशिश उनकी पत्नी हीना शहाब ने जरुर की लेकिन संभाल नहीं सकीं. दो दो बार वो लोक सभा का चुनाव लड़ीं लेकिन सफलता नहीं मिली .