सिटी पोस्ट लाईव : जीएसटी के लागू हुए एक साल हो गया है. इस मौके पर जहां केन्द्र सरकार पूरे देश में जश्न मना रही है. वहीं दूसरी ओर विपक्षी पार्टियां इसको लेकर सरकार पर निशाना साध रही है. राज्यसभा सांसद सह लोकतांत्रिक जनता दल राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने नोटबंदी व जीएसटी को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि नोटबंदी व जीएसटी से देश के व्यापारी और आम जनता को परेशानी उठानी पड़ी. इससे देश का कुछ भी भला नहीं हुआ. मनरेगा, इंदिरा आवास योजना सब डिजिटल इंडिया की भेंट चढ़ गए. गौरतलब है कि संसद के केन्द्रीय कक्ष में 30 जून और एक जुलाई 2017 की मध्यरात्रि को पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की उपस्थिति में जीएसटी को देश में लागू किया गया था.
शरद यादव ने केंद्र सरकार पर गरीब व किसान विरोधी होने का आरोप लगाते हुए कहा कि मूंग-मसूर दाल की सही कीमत किसान को नहीं मिल रही है. गेहूं-मक्का का भी न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ नहीं मिल रहा. सरकार की गलत नीतियों के कारण किसान अपना अनाज औने-पौने दाम में बेच रहे हैं. देश भर के किसान सरकार की गलत नीतियों का शिकार हो रहे हैं. इसका खामियाजा एनडीए को भुगतना होगा. बैंकों की हालत पस्त है. दस लाख करोड़ रुपये का कर्ज एनपीए बन चुका है. देश अभी नाजुक दौर से गुजर रहा है.
बिहार सरकार पर भी कटाक्ष करते हुए शरद यादव ने कहा कि सरकार ने मिट्टी-गिट्टी व बालू पर रोक लगा रखी है. इसका नतीजा अगले चुनाव में दिखेगा. कहा कि बिहार में शराब धंधेबाज मोटे हो रहे हैं और आम लोग को हर तरह से लूटा जा रहा है. सात निश्चय योजना लाकर बिहार सरकार ने पंचायती राज संस्था को बौना और अपाहिज बना दिया है.