सिटी पोस्ट लाइव :20 करोड़ रूपये के घोटाले के आरोपी मगध विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया है.डॉ. राजेंद्र प्रसाद पर षड्यंत्र कर ओएमआर शीट, प्रश्न पत्र की छपाई और ई-बुक्स की खरीदारी से जुड़े मामले में लगभग बीस करोड़ रुपये का घोटाला करने का आरोप है.कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज कर उन्हें 22 फरवरी तक के लिए जेल भेंज दिया है. इस मामले में अदालत ने 22 जुलाई 2022 को आरोपी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था. निगरानी विभाग ने भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम, आईपीसी की धारा 120 (बी), 420 सहित अन्य अधिनियम के अंतर्गत मामला दर्ज किया था.
प्राथमिक जांच में पाया गया कि इस मामले में ओएमआर शीट, प्रश्न पत्र और ई-बुक्स की खरीदने का ठेका आरोपियों ने नियम कानून को ताक पर रखकर अपने आदमियों को दिया था. इस मामले के अन्य आरोपी डॉ. पुष्पेंद्र कुमार वर्मा, जयनंदन प्रसाद सिंह, विनोद सिंह और सुबोध कुमार अभी जमानत पर हैं. इन आरोपियों का आलेख विशेष कोर्ट से गया की अदालत में भेज दिया गया. इन लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत आरोप पत्र दाखिल नहीं किया गया है.
सूत्रों के अनुसार पटना के न्यायालय में मगध विश्वविद्यालय, गया के कुलपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के आत्मसमर्पण के पीछे उन पर बढ़ता चौतरफा दबाव था. बिहार की स्पेशल विजिलेंस यूनिट दो दन पहले भी गोरखपुर में आजादनगर पूर्वी स्थित उनके आवास पर आ धमकी थी. इससे पहले 17 नवंबर को भी टीम यहां आई थी और कई घंटे तक सर्च आपरेशन चलाया था. तबसे कुलपति का आवास बिहार की एसवीयू के रडार पर था.एसवीयू को कुलपति आवास में गहने, दस्तावेज और उपहार मिले थे.पूर्व कुलपति प्रो.अरुण कुमार के कार को घेर कर कुछ अराजक तत्वों ने हमला किया था. आरोप प्रो.राजेंद्र प्रसाद पर लगा. इस मामले को लेकर कार्यपरिषद ने अनुशासनिक समिति गठित की. हालांकि, वह मामले में बरी हो गए थे.