सिटी पोस्ट लाइव : गुरुवार को JDU के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने उपेन्द्र कुशवाहा को इस्तीफा देने के लिए कहा, इसके बाद गुरुवार को ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने भी सांकेतिक रूप से कह दिया कि उनको रहना है तो रहें, वरना जहां जाना है चले जाएं. सीएम नीतीश ने यह भी कहा कि कुशवाहा को जो बोलना है बोलते रहें. हम उनकी बातों को गंभीरता से नहीं लेते हैं. इस दौरान सबसे खास बात यह रही कि उन्होंने डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की ओर देखा फिर दोनों ने मुस्कुराते हुए एक ही रिएक्शन दिया कि सब ठीक है.
गणतंत्र दिवस के अवसर पर मीडिया से बात करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि महागठबंधन सात दलों का है. सभी एकजुट हैं. महागठबंधन पर कोई असर नहीं होगा. उपेंद्र कुशवाहा की हम चर्चा भी नहीं करना चाहते. वो तीन बार जेडीयू में आए. अब फिर दूसरी जगह जाना चाहते हैं तो जाएं. जब जब साथ रहे हम उनको सम्मान देते रहे हैं.सीएम नीतीश कुमार ने आगे कहा, साल 2021 में जब फिर वापस आए तो उनका पूरा ख्याल रखा गया. उनको जो भी बात करनी है पार्टी के अंदर करना चाहिए. वो बस मीडिया में बयानबाजी कर रहे हैं. ट्वीट के जरिए अपनी बातें रख रहे. ऐसा थोड़े न होता है. मैं उनको लेकर कुछ भी नहीं कहना चाहता.
नीतीश कुमार ने बुधवार को भी यही बात कही थी कि उपेंद्र कुशवाहा को रहना है तो रहें, नहीं तो जहां जाना चाहें वहां चले जाएं. इसके बाद उपेंद्र कुशवाहा ने बुधवार को ही ट्वीट कर कहा था कि ‘बड़ा अच्छा कहा भाई साहब आपने…! ऐसे बड़े भाई के कहने से छोटा भाई घर छोड़कर जाने लगे तब तो हर बड़का भाई अपने छोटका को घर से भगाकर बाप-दादा की पूरी संपत्ति अकेले हड़प ले. ऐसे कैसे चले जाएं अपना हिस्सा छोड़कर.’
माना जा रहा है कि उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश के एक बयान का पलटवार करते हुए ये ट्वीट किया था. इसके बाद तो जैसे जदयू के कुशवाहा नेताओं ने एक के बाद एक उपेंद्र कुशवाहा को अपने टारगेट पर ले लिया. जदयू के सांसद संतोष कुशवाहा ने उपेंद्र कुशवाहा के लिए तीखे शब्दों का भी उपयोग किया. वहीं, जदयू के बिहार प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने तो सीधा उनसे इस्तीफा ही मांग लिया. बता दें कि उपेंद्र कुशवाहा इन दिनों जदयू में अपनी अनदेखी से नाराज बताए जाते हैं.