बक्सर में किसानों के आंदोलन और उपद्रव की दो बड़ी वजह.

City Post Live

सिटी पोस्ट लाइव : बक्सर जिले के चौसा के पॉवर प्लांट में बुधवार को जमकर उपद्रव हुआ. पुलिस और आंदोलनकारियों के बीच जमकर झड़प हुई.पुलिस की कई गाड़ियों को लोगों ने आग के हवाले कर दिया.इस हिंसक झड़प की दो वजहें सामने आ रही हैं.पहला चौसा में बन रहे थर्मल पावर के कार्य को किसानों ने उचित मुआवजा का नहीं मिलना और दूसरा आन्दोलनकारियों पर बेरहमी से पुलिस लाठीचार्ज. गौरतलब है कि मुवावजे को लेकर किसानों ने पॉवर प्लांट का काम रोक दिया था.इस दौरान बक्सर पुलिस ने किसानों के साथ बर्बरता पूर्ण कार्रवाई की.इस बर्बरता का एक वीडियो भी वायरल हुआ जिसमें देखा जा रहा है कि पुलिस किस तरह से रात में घर में घुसकर बच्चे औरतों और बुजुर्गों पर लाठियां बरसा रही है, इससे लोगों का आक्रोश और भड़क गया.

आंदोलन कर रहे किसानों के अनुसार चौसा में एसजेवीएन के द्वारा पावर प्लांट के लिए उनकी भूमि का अधिग्रहण 2010-11 से पहले ही किया गया था. उस समय किसानों को 2010-11 के अनुसार मुआवजे का भुगतान किया गया था. दोबारा जब कंपनी ने 2022 में किसानों की जमीन अधिग्रहण करने की कार्रवाई शुरू की तो अब किसान वर्तमान दर के हिसाब से अधिग्रहण की जाने वाली जमीन का मुआवजा मांग कर रहे हैं, जबकि कंपनी पुराने दर पर ही मुआवजा देकर जबर्दस्ती जमीन अधिग्रहण कर रही है. इसके विरोध में पिछले 2 महीने से किसान आंदोलन कर रहे हैं. इसी बीच मंगलवार की देर रात पुलिस ने जब घर में घुसकर महिला पुरुष और बच्चों पर बर्बरता पूर्ण लाठियां बरसाईं तो किसान आक्रोशित हो उठे थे.

पुलिस की इस कार्रवाई के बुधवार को किसान पावर प्लांट परिसर के आसपास इकट्ठा हुए थे. पुलिसिया कार्रवाई किए जाने के बाद किसान आंदोलित हो गए और कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया. वहीं इस घटना के बाद शाहाबाद रेंज के डीआईजी नवीन चंद्र झा मौके पर पहुंचे और और उन्होंने कार्रवाई करते हुए मुफस्सिल थानाध्यक्ष सहित दोषी पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर किया है.पुलिस के मुताबिक बक्सर में निर्माणाधीन पावर प्लांट पर स्थानीय लोगों के हंगामा मारपीट में 10 पुलिसकर्मी अभी तक घायल हुए हैं. इस मामले में धारा 147, 148, 149, 341, 323, 307, 353, 387 आईपीसी धारा के तहत 24 नामजद और 250 अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. इस हमले में दो पुलिसकर्मी की हालत गंभीर है.

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