सिटी पोस्ट लाईव : मुफ्त में शब्जी नहीं देने पर शब्जी विक्रेता के जिस नाबालिक बेटे को पटना पुलिस ने बालिग़ और खूंखार अपराधी और अपराधिक बार्दातों का शाजिषकरता बता कर जेल भेंज दिया था आखिर आईजी की जांच में भी नाबालिक ही साबित हुआ.सूत्रों के अनुसार लगातार दो दिनों के जांच पड़ताल और एक इस मामले से जुड़े एक दर्जन से ज्यादा लोगों और पुलिस अधिकारियों से बातचीत के बाद आईजी भी बच्चे की उम्र को लेकर आश्वस्त हो गए हैं.शब्जी बिक्रेता का बेटा नाबालिक है .पटना पुलिस ने उसे रिमांड होम भेंजने की बजाय जान बुझकर उसे बालिक और खूंखार अपराधी साबित कर दिया .
शनिवार को पटना सिटी के तत्कालीन एएसपी हरिमोहन शुक्ला से भी आईजी ने अपने दफ्तर में पूछताछ की .सूत्रों के अनुसार शुक्ल से मौखिक पूछताछ कर आईजी ने ये पता लगाने की कोशिश किया कि चार्जशीट दायर करने से पहले अनुसंधानकर्ता ने मामले का सुपरविज़न कराया था या नहीं.सूत्रों के अनुसार शुक्ल से बातचीत के बाद आईजी इस बात को लेकर आश्वस्त हो गए हैं कि थाने स्तर पर एक नाबालिक बच्चे पर इतने गंभीर आरोप लगाए जाने की बात को वरीय अधिकारियों से छिपाने की कोशिश की गई है.
ऐसा माना जा रहा है कि अब आईजी का अनुसंधान लगभग पूरा हो गया है . प्रथम दृष्टया ,एक नाबालिक बच्चे को बालिक बताने और वगैर वरीय अधिकारियों के संज्ञान में मामले को लाये बिना चार्जशीट दायर करने के दोषी पुलिस पाई गई है. जाहिर अपने ऊपर कुख्यात अपराधी और बड़े अपराधिक बारदातों के शाजिषकर्ता होने के लगे आरोपों से भी यह शब्जी वाले का नाबालिक बेटा पूरी तरह से मुक्त होगा .सूत्रों के अनुसार इस मामले में थानेदार और केस के आई.ओ. समेत और कई पुलिस अधिकारियों के ऊपर गाज गिरनेवाली है..रविवार को अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप देने के बाद शाम तक या फिर सोमवार की सुबह तक आईजी अपनी रिपोर्ट सीएम को सौंप देगें.गौरतलब है कि गुरुवार को ही मुख्यमंत्री ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए दो दिनों के अन्दर जांच कर रिपोर्ट देने का आदेश आईजी को दिया था.