राजीव रंजन 6 वर्ष के लिए निलंबित, शराबबंदी पर बयानबाजी पड़ी भारी

City Post Live

सिटी पोस्ट लाइव : जहरीली शराब से हुई मौत पर पार्टी लाइन से अलग हटकर बयान देनेवाले BJP के बड़े नेता राजीव रंजन के खिलाफ बड़ी कारवाई हो गई है.BJP के प्रदेश अध्यक्ष डा. संजय जयसवाल ने पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन को छह वर्षों के लिए प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है. प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी की रीत-नीति के खिलाफ बयान देने को लेकर पहले भी राजीव रंजन को चेतावनी दी गई थी. लेकिन उन्होंने अपनी कार्यप्रणाली में सुधार नहीं किया. ऐसे में उनको पार्टी से तत्काल प्रभाव से छह वर्षों के लिए निलंबित कर दिया गया है.

राजीव रंजन निलंबित होने से पहले भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष और मीडिया विभाग इंचार्ज थे. गुरुवार को उन्होंने पार्टी की नीतियों को गलत बताते हुए शराबबंदी मुहिम पर नेतृत्व को आईना दिखाया था. उन्होंने पार्टी की ओर से शराब से मरने वालों को मुआवजा देने की मांग को गलत बताते हुए कहा था कि जहरीली शराब से मौत कोई नई बात नहीं है. पहले भी इससे मौतें होती थीं और आज भी हर राज्य में ऐसे हादसे हो रहे हैं.उन्होंने कहा था कि वास्तव में इस प्रकार की मौतों को रोकना, बिहार में शराबबंदी लागू करने के उद्देश्यों में से एक था. इसके बावजूद यदि कोई जानबूझकर शराब पीता है तो यह सोच समझकर किया गया आपराधिक कृत्य है.और उसका परिवार मुवावजे का हकदार नहीं है.

डा. संजय जायसवाल की ओर से राजीव रंजन को जारी निलंबन पत्र में लिखा है कि पार्टी के जिम्मेवाद पद पर रहते हुए आपके बयान पार्टी की मूल भावनाओं के विपरीत आ रहे हैं. इस विषय में आको मौखिक रूप से पहले भी बताया जा चुका था, इसके बावजूद पार्टी लाइन से हटकर आपके बयान सामने आ रहे हैं. यह सरासर पार्टी के अनुशासन का उल्लंघन है.भारतीय जनता पार्टी अनुशासन से चलने वाली और अपने कार्यकर्ताओं के अनुशासन के लिए जानी जाने वाली पार्टी है. प्रदेश उपाध्यक्ष के पद पर रहते हुए, पार्टी की भावनाओं के विपरीत आ रहे आपके बयान न केवल आपके पद की गरिमा को धूमिल करते हैं बल्कि इससे पार्टी की छवि भी खराब होती है.इस अनुशासनहीनता के लिए भाजपा आपको तत्काल पदमुक्त करते हुए, अगले छह वर्षों के लिए पार्टी से निलंबित किया जाता है.

रंजन ने यह भी कहा था कि शराबबंदी कानून की विफलता के लिए प्रशासन जिम्मेदार है. सरकार भले ही कानून बनाती हो, लेकिन उसका पालन करवाने की जिम्मेदारी प्रशासन की होती है. कुछ प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही और लालच के कारण बिहार में जहरीली शराब बिक रही है. उन्होंने कहा था कि सरकार को हमारी सलाह है कि ऐसे पदाधिकारियों को चिन्हित कर उन पर कड़ी कारवाई करे. शराब माफियाओं की संपत्ति जब्त कर उन्हें सलाखों के पीछे करे.जहरीली शराब से मरनेवालों को मुवावजा देने की मुखालफत करते हुए कहा था कोई जानबूझकर शराब पीता है तो यह सोच समझकर किया गया आपराधिक कृत्य है. यदि इस मामले में मुआवजा दिया गया तो कल इसके आधार पर हत्या और लूट जैसे घृणित अपराध करने वाले अपराधियों के परिजनों को मुआवजा देने की मांग भी उठने लगेगी.

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