सिटी पोस्ट लाइव : अपनी मांगों को लेकर पटना में प्रदर्शन करनेवाले शिक्षक अभ्यर्थियों पर मंगलवार को पुलिस ने दूसरी बार जमकर लाठी चलाई. मंगलवार को शिक्षक अभ्यर्थी नौकरी की मांग को लेकर विधानसभा का घेराव करने निकले थे.पुलिस ने डाक बंगला चौराहे पर ही उन्हें रोक दिया. कैंडिडेट्स वहीं सड़क पर धरना देकर बैठ गए. उन्हें हटाने की कोशिशें नाकाम हुई तो पुलिस ने उनपर लाठीचार्ज कर दिया. अभ्यर्थियों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया.
कई दिनों से गर्दनीबाग धरना स्थल पर धरना-प्रदर्शन करने के बाद जब इन युवाओं की सरकार ने एक न सुनी तो ये मंगलवार को पहुंच गए डाकबंगला चौराहा पर. पांच-छह घंटों तक चौराहा को जाम रखा. जाम हटाने के लिए पुलिस ने छात्र-छात्राओं पर लाठीचार्ज किया. इसमें कई घायल हुए हैं.अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि जो तेजस्वी यादव शिक्षक नियोजन की मांग करने वाले युवाओं का साथ देते थे, उनके धरना- प्रदर्शन में शामिल होते थे, उनके उपमुख्यमंत्री बनने के बाद युवा प्रदर्शन करने पर लाठी खा रहे हैं. तेजस्वी बात करने भी नहीं आ रहे. यह सत्ता का चरित्र है.
बिहार विधान सभा सत्र के पहले दिन अपनी आवाज सदन तक पहुंचाने के लिए युवाओं ने यह प्रदर्शन डाक बंगला चौराहा पर किया. इससे पहले तिरंगा लिए एक छात्र पर चर्चित लाठीचार्ज पटना में हुआ था.शिक्षक संघों ने लाठीचार्ज की तीखी आलोचना की है. टीईटी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमित विक्रम ने कहा है कि यही शिक्षक अभ्यर्थी जब कुछ एक-दो साल पहले आंदोलन करते थे तो तेजस्वी यादव उनकी बैठकों में, उनके आंदोलन में शामिल होने जाते थे.उन्होंने तब आश्वासन दिया था कि हम जब सत्ता में आएंगे तो पहली कलम से आप सभी को नौकरी देंगे. लेकिन आज वही तेजस्वी यादव अपने पुलिस प्रशासन से बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज करवा रहे हैं.
टीईटी-एसटीईटी नियोजित शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष मार्कण्डेय पाठक ने कहा कि सरकार ने संवेदनहीनता की हद कर दी है. युवा सातवें चरण का नियोजन शुरू करने की मांग कर रहे हैं . वे शांति पूर्ण तरीके से धरना देते है तो पुलिस इन पर लाठी चार्ज कर देती है. नौकरी मांगने पर लाठी मिल रही है. सरकार जनता विरोधी हो गई है.उनके चुनावी वादे खोखले साबित हो रहे हैं. तेजस्वी यादव को चाहिए कि पहले की तरह शिक्षक अभ्यर्थियों को बुलाकर बात करते. जिस समय तेजस्वी यादव ज्ञान भवन में नियुक्ति पत्र बांट रहे थे. उस समय शिक्षक अभ्यर्थी कुछ कदम की दूरी पर डाक बंगला चौराहा पर लाठी खा रहे थे.