सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में निर्माण कार्य में लगे लोगों और कंपनियों के लिए एक अच्छी खबर है.बिहार सरकार ने बालू खनन को लेकर बिहार सरकार ने बड़ा फैसले लेते हुए सभी 16 जिलों में स्थित 350 घाटों पर खनन की अनुमति दे दी है. खान और भू-तत्व विभाग के इस फैसले के बाद अभी से लेकर 25 दिसंबर तक बिहार के सभी घाटों पर बालू का खनन हो पाएगा. इस समय बिहार में 150 घाटों से ही बालू खनन हो रहा है. फिलहाल नए बंदोबस्ती धारियों को अवधि बढ़ाने के बाद भी 150 बालू घाटों से खनन हो रहा जबकि 350 घाटों को खनन की अनुमति दी गई है लेकिन खनन नहीं हो पा रहा.
खान भू-तत्व विभाग के तहत खनिज विकास निगम की पहल पर बालू संकट से निपटने के लिए यह फैसला लिया गया है. अब नए निर्देश के बाद शेष 200 घाटों पर भी खनन शुरू हो जाएगा.पिछले साल खनन बंद होने के बाद बालू की कीमत आसमान छूने लगी थी. बालू की बढ़ी कीमतों के कारण कालाबाजारी भी बढ़ गई थी. इस फैसले से बालू का संकट खत्म कर सकता है.सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक 25 दिसंबर के बाद बालू घाटों पर खनन संभव नहीं है, इसे देखते हुए 25 दिसंबर तक सभी 16 जिलों के बालू घाटों से खनन की अनुमति दी गई है ताकि बालू की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाई जा सके.
बालू खनन के कम में लगी कंपनियों के लिए एक शर्त रखा गया है.उन्हें अपने बालू का केवल 75 फीसदी हिस्सा ही बेचने की इजाजत होगी. 25 फीसदी हिस्सा भंडारण करके रखना होगा. बाजार में खपत और जरूरत के समय खनिज निगम की देखरेख में इसकी बिक्री की जा सके. गौरतलब है कि पटना, सारण, भोजपुर, औरंगाबाद, रोहतास, गया, जमुई, लखीसराय, नवादा, अरवल, बांका, पश्चिमी चंपारण, मधेपुरा, किशनगंज, वैशाली और बक्सर में बालू का खनन हो रहा है.