सिटी पोस्ट लाइव : सहारा ग्रुप के बिहार के निवेशकों के लिए बड़ी खबर है.सहारा समूह ने बिहार के निवेशकों का पैसा एक सप्ताह में लौटा देने का वादा किया है.गौरतलब है कि सहारा समूह के चेयरमैन सुब्रत रॉय को अरेस्ट करने के लिए बिहार और यूपी पुलिस की टीमें लखनऊ के गोमतीनगर में बने उनके सहारा शहर तक पहुंची थी.लेकिन पुलिस को खाली हाथ लौटना पड़ा. बाद में सहारा समूह की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि बिहार की अदालत ने इस आश्वासन के बाद गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है कि सप्ताह भर में पैसा दे दिया जाएगा.
दरअसल, सहारा समूह ने बिहार के निवेशकों का पैसा एक सप्ताह में लौटा देने का वादा किया है.गौरतलब है कि सहारा समूह के चेयरमैन सुब्रत रॉय को अरेस्ट करने के लिए बिहार और यूपी पुलिस की टीमें लखनऊ के गोमतीनगर में बने उनके सहारा शहर तक पहुंची थी.लेकिन पुलिस को खाली हाथ लौटना पड़ा. बाद में सहारा समूह की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि बिहार की अदालत ने इस आश्वासन के बाद गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है कि सप्ताह भर में पैसा दे दिया जाएगा.इस पर शुक्रवार शाम सहारा समूह ने बयान जारी करके कहा- यह मामला बिहार में नालंदा जिले के जिला उपभोक्ता फोरम में 3 लाख रुपये से संबंधित है. इस संदर्भ में कोर्ट ने अपने आज के आदेश पर आगे की कार्रवाई के लिए रोक लगा दी है. इस तरह गिरफ्तारी के आदेश पर एक हफ्ते की रोक लग गई है.
सहारा समूह की ओर से अदालत को आश्वासन दिया गया कि सप्ताह भर में वादी को पैसे का भुगतान कर दिया जाएगा. इसके बाद कोर्ट ने इस सिलसिले में कार्रवाई को एक सप्ताह के लिए रोक दिया है और गैर जमानती वारंट को रद्द कर दिया है.इससे पहले शुक्रवार को लखनऊ में बिहार पुलिस ने सहारा इंडिया के प्रमुख सुब्रत रॉय को गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी की थी. बिहार पुलिस के साथ यूपी पुलिस की टीमें भी थीं. पुलिस ने गोमतीनगर स्थित सहारा शहर में दबिश दी लेकिन सुब्रत रॉय नहीं मिले.
खबर के अनुसार यह केस सहारा बैंक में निवेश संबंधी गड़बड़ी को लेकर है. बिहार में सहारा बैंकिंग के एक निवेशक ने सुब्रत रॉय के खिलाफ नालंदा उपभोक्ता अदालत में केस दर्ज किया था. इसी की सुनवाई पर सुब्रत रॉय को कोर्ट के सामने हाजिर होना था लेकिन कई बार समन जारी करने के बाद भी वह पेशी पर नहीं पहुंचे. इसी के बाद उनके खिलाफ अदालत ने गैर जमानती वारंट इशू कर दिया.