सिटी पोस्ट लाइव :बिहार में प्रॉपर्टी विवाद के निबटारे के लिए अब मकान फ्लैट या जमीन रजिस्ट्री के सालों पुराने कागजात को डिजिटाइज करने का काम तेजी से चल रहा है.अब सैकड़ों साल पुराने जमीं की रजिस्ट्री के कागजात को आसानी से आनलाइन देखा जा सकेगा.विभाग ने 1995 से पहले के दस्तावेजों के डिजिटाइजेशन का काम शुरू कर दिया था.अबतक वर्ष 1995 तक के दस्तावेज के डिजिटाइजेशन का काम पूरा हो चुका है.
अगर आपने 30, 40 या 50 साल पहले अपने मकान, फ्लैट या जमीन का निबंधन कराया है, तो उसके कागजात भी जल्द आनलाइन देख सकेंगे.इसके लिए राज्य सरकार की वेबसाइट भूमि जानकारी डाट काम पर निबंधन वर्ष, नाम, पिता का नाम, खाता खेसरा आदि डालकर आनलाइन जानकारी पाई जा सकती है.निबंधन विभाग के महानिरीक्षक बी कार्तिकेय धनजी के अनुसार राज्य में पहला निबंधन 1791 ई. में पटना में हुआ था.विभाग का लक्ष्य 200 साल पुराने तक सभी दस्तावेज को डिजिटाइज करने का है.
चयनित एजेंसी ने राज्य के 31 जिलों में निबंधित दस्तावेज के स्कैनिंग का काम शुरू कर दिया है. अब 1995 से पहले के दस्तावेज को डिजिटाइज किया जा रहा है. इसी तरह धीरे-धीरे सभी पुराने दस्तावेज के डिजिटाइजेशन का काम किया जाएगा. राज्य में पिछले कुछ सालों से हर साल 10 से 11 लाख दस्तावेजों का निबंधन हो रहा है. वर्ष 1995 से लेकर अभी तक करीब सवा करोड़ से अधिक दस्तावेजों का डिजिटाइजेशन हो चुका है.
निबंधन विभाग के अनुसार राज्य में जमीन, फ्लैट व अन्य दस्तावेज के निबंधन से सिर्फ इस साल 4300 करोड़ का राजस्व सरकार को मिला है. इस वित्तीय वर्ष का लक्ष्य 5500 करोड़ है, जबकि दिसंबर के पहले सप्ताह तक लक्ष्य का 80 प्रतिशत हासिल कर लिया गया है. मार्च तक लक्ष्य से अधिक छह हजार करोड़ से अधिक का राजस्व प्राप्त होने की उम्मीद है. पिछले एक साल में करीब दो लाख 45 हजार से अधिक दस्तावेज का निबंधन माडल डीड के जरिए किया गया है. आमलोगों की सुविधा के लिए विभाग की वेबसाइट पर 25 प्रकार के माडल डीड का प्रारूप प्रदर्शित है.