सिटी पोस्ट लाइव : कांग्रेस को 24 साल बाद पहला गैर गांधी कांग्रेस अध्यक्ष मिल गया है. मल्लिकार्जुन खरगे ने पार्टी नेता शशि थरूर को मात देकर पार्टी का अध्यक्ष चुनाव जीत लिया है. गांधी परिवार के करीबी खरगे की जीत पहले से ही तय थी. सीताराम केसरी के 24 साल बाद कांग्रेस को मल्लिकार्जुन खरगे के रूप में पहला गैर गांधी कांग्रेस अध्यक्ष मिला है. 80 साल के खरगे ने शशि थरूर को बड़े अंतर से अध्यक्ष चुनाव में पराजित किया है. खडगे को 7, 897 वोट मिले जबकि थरूर को महज 1,072 वोट ही मिले. 416 वोट अमान्य करार दिए गए। कुल 9,385 वोट पड़े थे.
कांग्रेस के 9,900 में से 9,500 डेलीगेट ने वोटिंग किया था. कांग्रेस में इससे पहले अध्यक्ष पद के लिए चुनाव 1939, 1950, 1977, 1997 और 2000 में चुनाव हुए थे. 2000 के चुनाव में सोनिया गांधी ने जितेंद्र प्रसाद को हराकर अध्यक्ष पद हासिल किया था. थरूर ने खरगे से करारी हार को स्वीकार करते हुए पार्टी के नए अध्यक्ष को बधाई दी .थरूर ने कहा कि वह परिणाम को स्वीकार करते हैं. थरूर खरगे को बधाई देने के लिए उनके घर भी पहुंचे थे. गौरतलब है कि मतगणना के दौरान थरूर कैंप ने मतदान धांधली का मुद्दा उठाया था. हालांकि, कांग्रेस ने इस आरोप को खारिज कर दिया था.
खरगे गांधी परिवार के शुरू से वफादार रहे हैं. छात्र राजनीति से शुरुआत करने वाले खड़गे ने एक लंबी पारी यूनियन पॉलिटक्स की भी खेली. साल 1969 में वह एमएसके मिल्स एम्प्लॉयीज यूनियन के कानूनी सलाहकार बन गए। वह संयुक्त मजदूर संघ के एक प्रभावशाली नेता थे, जिन्होंने मजदूरों के अधिकारों के लिए किए गए कई आंदोलनों का नेतृत्व किया. 80 वर्षीय खड़गे का जन्म कर्नाटक के बीदर जिले के वारावत्ती इलाके में एक किसान परिवार में हुआ था. गुलबर्गा के सरकारी कॉलेज से स्नातक की डिग्री ली. फिर गुलबर्गा के ही सेठ शंकरलाल लाहोटी लॉ कॉलेज से एलएलबी करने के बाद वकालत करने लगे. साल 1969 में उन्होंने कांग्रेस का हाथ थामा और 1972 में पहली बार कर्नाटक की गुरमीतकल असेंबली सीट से विधायक बने.