सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के एक और विधायक की विधायकी खतरे में है. भोजपुर के बड़हरा से बीजेपी के विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह पर गंभीर आरोप लगे हैं. ये आरोप अगर सिद्ध हो जाते हैं तो इस विधायक की विधायकी भी जा सकती है. कई बार भोजपुर के बड़हरा विधानसभा का प्रतिनिधित्व करने वाले राघवेंद्र प्रताप सिंह पर 2020 के विधानसभा चुनाव के चुनावी हलफनामे में गलत तथ्य देने का आरोप लगा है. बीजेपी विधायक पर ये गंभीर आरोप बड़हरा से राजद के पूर्व विधायक सरोज यादव ने लगाए हैं.
राजद विधायक सरोज यादव ने इस मामले में पटना हाईकोर्ट में एक रीट भी दायर की है .बीजेपी विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह पर चुनावी हलफनामे में पटना के राजेंद्र नगर और आरा में उनकी कई संपत्ति का जिक्र नहीं किये जाने और साल 2016 तक पटना में सरकारी आवास का उपभोग करने सहित बिजली और टेलीफोन का बिल बकाया रहने के बावजूद हलफनामे में इन बातों का जिक्र ना किये जाने का आरोप लगाया है. पटना हाईकोर्ट में इस केस की सुनवाई 1 नवंबर को है. राजद के पूर्व विधायक ने ये आरोप RTI से हुए खुलासे के बाद लगाये हैं.
आरोप है कि बीजेपी विधायक ने अपने हलाफनामे में पिछले 10 सालों में सरकारी आवास का उपभोग न करने की बात कही है जबकि वो साल 2016 तक पटना में सरकारी आवास का उपभोग कर रहे थे. उस सरकारी आवास का बिजली का लगभग ढाई लाख का बिजली का बिल और टेलीफोन का बिल भी उन पर बकाया है लेकिन उन्होंने हलफनामे में इस बात का कोई जिक्र नही किया. राजद के पूर्व विधायक सरोज यादव ने इसी आधार पर बीजेपी विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की मांग की है.
राजद के पूर्व विधायक सरोज यादव के मुताबिक बीजेपी विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह ने निर्वाचन आयोग के समक्ष कई तथ्यों को छिपाया जिनका प्रमाण उनके पास है. इधर खुद पर लगे आरोपों के बाबत बीजेपी विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह ने भी अपनी सफाई देते हुए कहा कि उनके नाम पर एक इंच भी जमीन नहीं है. जो जमीन पटना और आरा में बताई जा रही है वो उनके नाम पर नहीं है. उन्होने साफ लहजे में खुद पर लगे आरोपों को निराधार बताते हुए पटना हाईकोर्ट में अपना जवाब देने की बात कही है.