सिटी पोस्ट लाइव :CBI ने तेजस्वी यादव के निजी सचिव संजय यादव को समन जारी कर राजनीतिक गलियारे में हड़कं मचा दिया है.हडकंप इसलिए मचा है क्योंकि रेलवे में नौकरी के बदले जमीन से जुड़े मामले में संजय यादव को तलब किया गया है. तीसरी बार उन्हें समन जारी किया गया है.सूत्रों के अनुसार CBI के हाथ कोई सुराग लगा है. CBI लालू प्रसाद के करीबी और ओएसडी रहे भोला यादव को अरेस्ट कर भी पूछताछ कर चुकी है.जाहिर है संजय यादव फंसेगें तो आंच तेजस्वी यादव पर भी आयेगी.
लैंड फॉर जॉब केस में CBI ने आरोप लगाया है कि लालू प्रसाद और उनके परिवार के कुछ सदस्यों को नौकरी दिलाने के लिए रिश्वत के तौर पर जमीन के प्लॉट मिले थे. मामला उस समय का है जब भारतीय रेल में 2004-09 के समय लालू प्रसाद केंद्र में रेल मंत्री थे. CBI के समन को चुनौती देते हुए, संजय यादव ने दावा किया कि वह न तो लालू प्रसाद या घोटाले में नामित उनके परिवार के सदस्यों से जुड़े हैं और न ही उनका कथित अपराध से कोई संबंध है. यादव ने आरोप लगाया कि CBI ने बिना किसी आधार के उन्हें परेशान करने के इरादे से समन जारी किया है.
संजय समन को चुनौती देने के लिए इस सप्ताह के शुरू में दिल्ली हाईकोर्ट गए थे. लेकिन अदालत से उन्हें राहत मिलने की बजाय ये सलाह मिली कि उन्हें जांच में शामिल होना चाहिए. संजय के वकील ने कोर्ट को बताया था कि CBI सीआरपी की धारा 160 के तहत जारी नोटिस केवल उस व्यक्ति को जारी किया जा सकता है जो उस पुलिस स्टेशन के स्थानीय अधिकार क्षेत्र में स्थित है या आसपास के पुलिस स्टेशन के अंदर है.यादव ने वहां कहा कि उन्होंने एजेंसी से कई बार आग्रह किया कि वह उन्हें कार्यालय में पेश होने दे. पटना कार्यालय या उसे एक अधिकृत प्रतिनिधि के माध्यम से नई दिल्ली में अपेक्षित दस्तावेज भेजने की अनुमति दे, लेकिन उनके अनुरोध को ठुकरा दिया गया. संजय ने यह भी तर्क दिया कि उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17 ए के तहत अनिवार्य मंजूरी प्राप्त किए बिना समन जारी किया गया है और इसलिए वह रद्द किए जाने योग्य है.
संजय यादव ने 2015 में बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के निजी सचिव के रुप में काम किया था. संजय अभी भी तेजस्वी यादव के खास हैं और सरकारी मीटिंग में दिखते रहे हैं. संजय ने यह तर्क भी दिया है कि उन्हें बिहार में ‘स्वास्थ्य विभाग के लिए सबसे जरूरी काम’ दिया गया है जिसे तत्काल आधार पर पूरा करने की आवश्यकता है.संजय यादव के सभी तर्कों को इनकार करते हुए सीबीआई ने उच्च न्यायालय से कहा कि एक राष्ट्रीय एजेंसी के रूप में आरोपी को अपने दिल्ली कार्यालय में जांच में शामिल होने के लिए बुलाने का कानूनी अधिकार उसे है.
तेजस्वी ने साफ तौर पर कहा कि जैसे नीतीश कुमार और लालू यादव एक होते हैं, उसके बाद सीबीआई और ईडी BJP के हथियार हो जाते हैं. तेजस्वी यादव ने अब आशंका जताई कि सीबीआई एक्शन मोड में आ गई है. कुछ दिन बाद ईडी भी आ जाएगी. वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि 5 साल पहले क्या हुआ था? लालू यादव जी के साथ थे. हम अलग हो गए थे. 5 साल में कुछ नहीं हुआ. हमने भी देखा कि उन मामलों में कुछ भी नहीं हुआ और जब हम साथ में आ गए तो, यह सब फिर से शुरू हो गया. यह कोई बात नही है.
RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के खिलाफ लैंड फॉर जॉब मामले में सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल कर दी है. इसमें तत्कालीन रेल मंत्री के साथ पत्नी राबड़ी देवी, उनकी बेटियों, सेंट्रल रेलवे के जीएम, सीपीओ समेत समेत कुल 16 लोगों को आरोपी बनाया गया है.सीबीआई के मुताबिक इस पूरे प्रकरण में लालू परिवार ने पटना में 1.25 लाख स्क्वेयर फीट जमीन अधिगृहीत की है. जमीन लेन-देन की यह प्रक्रिया सेल डीड और गिफ्ट डीड के माध्यम से की गई.