दो बाहुबलियों की पत्नियों के बीच होगा मुकाबला?

City Post Live

सिटी पोस्ट लाइव :इसबार मोकामा विधान सभा का उप-चुनाव काफी दिलचस्प होगा.इस सीट पर शुरू से बाहुबली नेता अनंत सिंह का कब्ज़ा रहा है.इसबार भी अन्नत सिंह की पत्नी नीलम देवी मैदान में हैं.उनका मुकाबला इस ईलाके के बाभुबली नेता सूरजभान सिंह की पत्नी पूर्व सांसद वीणा देबी के साथ होने की उम्मीद है.गौरतलब है कि इस सीट पर हमेशा बाहुबली नेताओं का दबदबा रहा है. तेजस्वी यादव ने अनंत सिंह की पत्नी नीलम सिंह का नाम महागठबंधन के प्रत्याशी के रूप में तय कर दिया है.

मोकामा सीट पर पिछले 17 वर्षों से बाहुबली नेता अनंत सिंह का एकछत्र राज है. वो जिस पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़ते हैं सीट उसी पार्टी के खाते में चली जाती है. कभी नीतीश सरकार में छोटे सरकार का दर्जा रखने वाले अनंत सिंह अब उनके धुर विरोधी हैं. अनंत सिंह पहले ही कई बार नीतीश कुमार पर गंभीर आरोप लगा चुके हैं. वे कह चुके हैं नीतीश जानबूझ कर उन्हें जेल में रखना चाहते हैं.मोकामा जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के लोकसभा क्षेत्र मुंगेर का हिस्सा है. 2019 के लोकसभा चुनाव में नीलम देवी मुंगेर लोकसभा में ललन सिंह के खिलाफ मैदान में थी. मोकामा विधानसभा क्षेत्र में नीलम देवी को ललन सिंह से ज्यादा वोट भी प्राप्त हुआ था. ऐसे में ललन सिंह के लिए भी नीलम देवी को स्वीकार कर पाना मुश्किल होगा.

सबसे बड़ा सवाल-क्या सीएम नीतीश कुमार और ललन सिंह नीलम सिंह के पक्ष में प्रचार करने मोकामा जाएंगे? अनंत सिंह की पत्नी को बंगलादेशी बतानेवाले JDU के राष्ट्रिय अध्यक्ष क्या ललन सिंह क्या कभी चाहेगें कि वो चुनाव जीतें.वैसे इस सीट से तमाम विरोध के वावजूद अनंत सिंह ही हमेशा जीतते रहे हैं.लेकिन अगर सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देबी NDA की उम्मीदवार होती हैं तो मुश्किल बढ़ सकती है. सांसद देवर चंदन कुमार और 2010 में मोकामा से लोजपा उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ चुके हैं कन्हैया कुमार का भी सहयोग-समर्थन उन्हें मिल रहा है. भाजपा अपने प्रदेश प्रवक्ता रामसागर सिंह को उपयुक्त मानती है, रामसागर सिंह मोकामा के ही रहने वाले हैं.

नीलम सिंह का नाम सामने आते ही विपक्ष एक बार फिर से सरकार पर हमलावर है. बीजेपी के एक नेता ने कहा कि नीतीश कुमार केंद्र की राजनीति में अपना पैठ जमाने की कोशिश कर रहे हैं। वे लगातार अपनी ब्रांडिंग सुशासन के रूप में कर रहे हैं. ऐसे में अगर अनंत सिंह की पत्नी को महागठबंधन का प्रत्याशी बनाया जाता है तो न केवल उन पर परिवारवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगेगा बल्कि राजनीति में अपराधीकरण का भी आरोप महागठबंधन पर चस्पा होगा.
NDA में मोकामा से हमेशा JDU चुनाव लड़ता रहा है.2005 के बाद के दो-तीन चुनावों में अनंत सिंह उसके उम्मीदवार होते थे. लेकिन अनंत सिंह के अलावा JDU का कोई दूसरा नेता यहाँ से कभी चुनाव जीत नहीं पाया. 2015 में हालात ऐसे बन गये कि जेल में बंद अनंत सिंह को निर्दलीय मैदान में उतरना पड़ गया. उनका मुकाबला जदयू के विधान पार्षद नीरज कुमार ने की थी. हालांकि इस चुनाव में नीरज कुमार को 18 हजार वोटों से हारना पड़ा था.

मोकामा विधानसभा क्षेत्र में कुल 2.68 लाख वोटर हैं. इस सीट पर अहम भूमिका भूमिहार, कुर्मी, यादव, पासवान की है. राजपूत और रविदास जैसी जातियां भी यहां महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं. इस सीट पर साल 2000 में सबसे अधिक मतदान 76.70 प्रतिशत हुआ था. इस दौरान 83.4 पुरुषों और 69.01 प्रतिशत महिलाओं ने मतदान किया था. इस विधानसभा क्षेत्र के बारे में कहा जाता है कि सवर्ण वोट जिस पाले में उस पार्टी की जीत होनी तय है.

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