सिटी पोस्ट लाइव : बिहार की सत्ताधारी महागठबंधन में सात दल- जनता दल (यू), राजद, कांग्रेस, भाकपा (माले), भाकपा, माकपा और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा शामिल हैं. हालांकि महागठबंधन के सभी सहयोगियों को पता है कि उनकी सरकार बनी रहने के लिए जद (यू) और राजद का साथ रहना आवश्यक है. इन दोनों दलों के पास कुल मिलाकर 124 विधायक हैं, जो 243 सदस्यीय विधानसभा में जादूई आंकड़े से दो अधिक है.
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन की राह आसान नजर नहीं आ रही.महागठबंधन में कुल 7 दल हैं.JDU और BJP के बीच कथित तनातनी की खबरों के बीच अब गठबंधन में शामिल छोटे घटकों ने भी एक समन्वय समिति के जल्द गठन की मांग तेज कर दी है. दोनों बड़े दलों के बीच नाराजगी की अटकलों को इस बात से बल मिला जब आरजेडी के प्रदेश प्रमुख जगदानंद सिंह ने साफ कहा कि डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव अगले साल अपने बॉस नीतीश कुमार की जगह लेंगे. इसके कुछ ही दिनों बाद जगदानंद सिंह के बेटे सुधाकर सिंह को कृषि मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा. सुधाकर लगातार अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा कर रहे थे.
हालांकि तेजस्वी यादव ने अपनी ओर से यह कहकर स्थिति को शांत करने की कोशिश की कि वह शीर्ष पद पर कब्जा जमाने के लिए ‘जल्दबाजी में नहीं’ है. इसके साथ ही उन्होंने जगदानंद सिंह को एक सर्कुलर जारी करने के लिए कहा कि राजद कार्यकर्ता कोई भी ऐसा बयान नहीं देंगे, जिससे नए गठबंधन को मुश्किल हो.आरजेडी और जेडीयू में खटास की अटकलों के बीच अब इस महागठबंधन के छोटे सहयोगियों और खास तौर से वाम दलों को लगता है कि यह उचित समय है कि एक ‘समन्वय समिति’ बनाई जाए, जिसकी अनुपस्थिति को राज्य में एनडीए सरकार के गिरने के लिए अक्सर जिम्मेदार ठहराया जाता है.
भाकपा (माले) के विधायक दल के नेता महबूब आलम ने बताया कि उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता सुधाकर सिंह के मंत्री पद से इस्तीफे के तुरंत बाद उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव से मुलाकात की. हमें लगा कि सरकार ठीक चल रही है और सिंह के व्यवहार जैसे मामलों का प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. ऐसे में उनसे तत्काल एक समन्वय समिति के गठन और एक साझा न्यूनतम कार्यक्रम तैयार करने का आग्रह किया.आलम ने कहा, हमारा उद्देश्य इस तरह की गलतफहमी को दूर करना था, जिसकी आवश्यकता केवल मजबूत हुई है. उन्होंने दावा किया कि तेजस्वी यादव ने धैर्यपूर्वक उनकी सारी बातें सुनीं और उन्होंने मुझे आश्वासन दिया कि जल्द ही समिति का गठन किया जाएगा.’ आलम ने कहा, ‘उन्होंने मुझे उन प्रतिनिधियों के नाम के साथ आने के लिए कहा, जिन्हें मेरी पार्टी समन्वय समिति का हिस्सा बनना चाहेगी. मेरा मानना है कि वह अन्य गठबंधन सहयोगियों के साथ भी संपर्क में हैं और हम कुछ प्रगति देखेंगे.’