बिहटा गैंगवार में 16 लोगों के मारे जाने के दावे का सच.

City Post Live

सिटी पोस्ट लाइव :बिहटा में पिछले दिनों बालू माफियाओं के दो गुट के बीच अंधाधुंध फायरिंग में मारे गए लोगों की संख्या छुपाने का पटना पुलिस पर लग रहा आरोप सच होता दिखाई दे रहा है.पुलिस ने केवल एक मौत होने का दावा किया था लेकिन दो लोगों का शव शनिवार को पटना में मिलने से खलबली मच गई है. ये दोनों शव पीरबहोर थाना क्षेत्र के एनआईटी घाट के सामने गंगा नदी में मिले. पटना पुलिस द्वारा दोनों की पहचान मनेर के ब्यापुर निवासी 45 वर्षीय लालदव राय और नालंदा के कराय-परशुराय के ग्वालबिगहा निवासी 47 वर्षीय मुकेश सिंह उर्फ ललेद्र सिंह के रूप में की गयी है. खुद पटना के एसएसपी डा. मानवजीत सिंह ढिल्लों ने शव की शिनाख्त की पुष्टि करते हुए बताया कि दोनों के पीठ में रायफल की एक-एक गोली लगी थी.

यह माना जा रहा है कि लालदेव और मुकेश की हत्या के बाद बालू माफिया ने लाशों को सोन नदी में फेंक दिया जो गंगा में बहकर पटना तक पहुंच गयी. पुलिस अब मानने लगी है की फायरिंग में और मौत हो सकती है. पुलिस को शक है कि शवों को बालू माफिया ने या तो गंगा में फेंक दिया या फिर बालू में दबा दिया था. जिस तरह बालू माफिया गोली मारने के बाद सबूत छिपाने के लिए दोनों शवों को रस्सी और नाव बांधने वाले भारी लोहे से बांधकर उसे गंगा में फेंक दिया, इनसे पुलिस अब नदी में किनारे इलाकों में नजर रख रही है.

माले नेताओं ने जांच में मृतकों की संख्या 16 से अधिक बताई है. पुलिस के पास इस सवाल का जबाब नहीं है कि जब मृतक की संख्या एक थी तो कैसे मिली 3 बॉडी. पहले दिन पुलिस ने मृतकों की संख्या 1 बताई थी. शनिवार को 2 और बॉडी बह कर पटना के एनआईटी घाट पहुंच गई. कुल आठ मृतकों का नाम सामने आया है.गांव वालों ने 5 नए नामों का खुलासा किया है. अब पहचान में आए कुल मृतकों की संख्या 8 हो गई है. दावा है और नाम सामने आएंगे.माले की जांच में भी आई 16 से अधिक मौत हुईं.: माले विधायक संदीप सौरभ व गोपाल रविदास की टीम ने जांच कर बताया कि फायरिंग में 16 से अधिक की मौत हुई है.

पटना पुलिस के लचर रवैया सामने आ गया है.तीन शव मिलने पर भी पहुंचा डॉग नहीं पहुंचा है.स्क्वॉडग्रामीणों का दावा है कि गैंगवार के बाद अपराधी शव को नाव से ढोकर ले गए और बालू में गाड़ दिया.घटना के 60 घंटों के बाद एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों बिहटा पहुंचे. हालांकि उसके बाद भी ग्रामीणों में खौफ है. ग्रामीण यहां आउटपोस्ट बनाने की मांग कर रहे हैं.

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