सिटी पोस्ट लाइव : क्या नीतीश कुमार का महागठबंधन के साथ जाना JDU के कैडर को रास नहीं आ रहा .ये सवाल इसलिए उठ रहा है कि जबसे नीतीश कुमार महागठबंधन के साथ गये हैं प्रदेश से लेकर राष्ट्रिय स्तर पर उनकी पार्टी में भगदड़ मची हुई है. बिहार में भाजपा और जेडीयू के रास्ते अलग होने के बाद नीतीश कुमार को तीसरा झटका लगा है. दादरा और नगर हवेली व दमन दीव में एक दर्जन से ज्यादा जेडीयू नेताओं ने भाजपा का दामन थाम लिया. इससे पहले अरुणाचल प्रदेश और मणिपुरी में कई जेडीयू नेता भाजपा के साथ आ गये थे.जानकारी के मुताबिक भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की उपस्थिति में स्थानीय निकायों के कई चुने हुए सदस्यों ने जेडीयू का साथ छोड़ दिया और औपचारिक रूप से भाजपा में शामिल हो गए.
भाजपा के महासचिव तरुण चुघ ने कहा कि यहां 16 जेडीयू नेता भाजपा में शामिल हुए हैं. जेडीयू की पूरी इकाई का ही भाजपा में विलय हो गया. जेडीयू की तो बिहार के अलावा इसकी चुनावी उपस्थिति किसी राज्य में नहीं है. मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश में जो इक्का-दुक्का विधायक थे वे भी भाजपा में शामिल हो गए. मणिपुर में जेडीयू के 6 में से 5 विधायक भाजपा में शामिल हो गए थे. इसके बाद जेडीयू ने कहा था कि भाजपा पीठ में चुरा घोंप रही है. पार्टी ने अमित शाह और पीएम मदी पर पार्टी तोड़ने का आरोप लगाया था. इससे पहले अरुणाचल प्रदेश में भी 8 विधायक भाजपा में शामि हो गए थे.
जेडीयू के अध्यक्ष ललन सिंह का कहना है कि भाजपा अनैतिक कार्य कर रही है क्योंकि जो जेडीयू विधायक भाजपा में शामिल हुए हैं उन्होंने भाजपा के ही उम्मीदवारों को हराया था ऐसे में जनता के साथ धोखा किया जा रहा है.बिहार में भाजपा और जेडीयू की सरकार बीते दिनों गिर गई है. नीतीश कुमार ने आरजेडी के साथ मिलकर सरकार बना ली और भाजपा किनारे हो गई. नीतीश कुमार ने फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री बन गए. अब कांग्रेस, आरजेडी और जेडीयू गठबंधन की बिहार में सरकार है. वहीं नीतीश कुमार 2024 की रणनीति तैयार करने में लगे हैं.अमित शाह बिहार दौरे पर इसी महीने 23 सितंबर को आने वाले हैं. सीमांचल में इसे लेकर जोर शोर से तैयारियां चल रही हैं.