सिटी पोस्ट लाइव :बिहार के बक्सर के कई किसान जो कमाई के लिए दुसरे राज्यों में गये थे जब घर लौटे तो पता चला कि उनके खेत के छोटे से टुकड़े को भरकर सड़क बना दी गई है. किसी के खेत या जमीन को अतिक्रमण कर स्कूल, मकान या आंगनबाड़ी केंद्र बना दिया गया है. ऐसे लोगों के लिए पटना हाई कोर्ट का ताजा फैसला राहत देने वाला है. बक्सर जिले के सिमरी प्रखंड में तिलक राय के हाता ओपी अंतर्गत बड़का राजपुर में प्रशासन द्वारा उच्च न्यायालय द्वारा जारी आदेश के आलोक में पंचायत विकास निधि से बनाए गए ईट सोलिंग रोड को तोड़ कर अतिक्रमण को हटाया गया. इस दौरान आसपास के लोगों द्वारा प्रशासनिक कार्रवाई को एक पक्षीय करार देते हुए नाराजगी भी व्यक्त की गई, मगर अधिकारियों के ऊपर इसका तनिक भी प्रभाव देखने को नहीं मिला.
अतिक्रमण हटाने पहुंची टीम अपने कार्य को निरंतर अंजाम देती रही. बताया जाता है कि स्थानीय गांव के सत्येंद्र मिश्र की रैयती जमीन में बिना सहमति के पंचायत विकास निधि से ईंट सोलिंग कराई गई थी. इसी के खिलाफ भूस्वामी उच्च न्यायालय की शरण में चले गए जहां से प्रशासन को तत्काल संबंधित जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने का निर्देश प्राप्त हुआ था. दो दिन पूर्व जमीन की मापी भी हुई थी और गुरुवार को अनुमंडल पदाधिकारी कुमार पंकज के नेतृत्व में कई थानों की पुलिस द्वारा जेसीबी मशीन से ईट सोलिंग रोड को तोड़ संबंधित जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया गया.
इस मौके पर प्रखंड विकास पदाधिकारी शशिकांत शर्मा, अंचलाधिकारी कौशल कुमार एवं ओपी प्रभारी संतोष कुमार मौजूद थे. यहां सबसे बड़ा सवाल यह है कि सरकार द्वारा जारी निर्देश के बावजूद भूस्वामी से अनापत्ति प्रमाण पत्र लिए बगैर पंचायत विकास निधि से यह रोड कैसे बनाया गया ? क्या इस सड़क के निर्माण में व्यय की गई सरकारी राशि की रिकवरी भी होगी ? अब इसको लेकर आम जनता के बीच चर्चाओं का बाजार गर्म है.पटना हाई कोर्ट