बिहार के 28 जिलों में शुरू होगा बालू खनन, बंदोबस्त प्रक्रिया शुरू.

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सिटी पोस्ट लाइव : निर्माण कार्य से जुड़े बिहार के लोगों को लिए रहत वाली खबर है.खान एवं भू-तत्व विभाग ने सभी जिलों के खनन पदाधिकारियों को बालू घाटों के बंदोबस्त प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दे दिया है. सभी जिलों के खनन पदाधिकारियों ने बंदोबस्त प्रक्रिया शुरू कर दी है. 28 जिलों के करीब नौ से बालू घाटों से अक्टूबर महीने से बालू खनन का काम प्रारंभ हो जाएगा.28 जिलों के करीब नौ से बालू घाटों से अक्टूबर महीने से बालू खनन का काम प्रारंभ हो जाएगा.बालू खनन करने वाले ठेकेदारों से ई-टेंडर के आवेदन आमंत्रित किए जा रहे हैं.

इस वर्ष सरकार ने कोर्ट के आदेश के आलोक में जून महीने से ही नदियों से बालू खनन पर रोक लगा दी थी. जिला सर्वेक्षण रिपोर्ट तैयार होने के बाद अब करीब तीन महीने के बाद वापस नदियों से बालू खनन प्रारंभ करने की दिशा में विभाग ने कवायद प्रारंभ कर की है.सरकार को उम्मीद है क 28 जिलों में एक साथ बालू खनन प्रारंभ होने से जहां राज्य के राजस्व में वृद्धि होगी. ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार भी मिल सकेंगे.प्रदेश में बालू की उपलब्धता बढ़ेगी और आमजन को उचित कीमत पर बालू मिल सकेगा और निर्माण कार्यो में तेजी आएगी. खनन विभाग के सूत्रों के अनुसार इस महीने के अंत तक 28 जिलों में खनन प्रारंभ करने के लिए बंदोबस्त की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी. विभाग ने जिलों को बंदोबस्त के अधिकार सौंपे हैं. जिलों को यह टास्क भी सौंपा गया है कि वे घाटों को छोटे-छोटे हिस्सों में बांट राजस्व का आकलन करते हुए बंदोबस्त करें.गौरतलब है कि मई 2022 तक कोर्ट के आदेश पर केवल 16 जिलों में करीब 435 बालू घाटों से खनन हो रहा था.

नदियों से बालू के टीलों को हटाने की कार्ययोजना खान एवं भूतत्व विभाग ने काम शुरू कर दिया है. कार्ययोजना तैयार होने के बाद नदियों में मौजूद बालू टीले का सर्वे होगा. इस दौरान यह भी देखा जाएगा कि नदियों में खनन योग्य कितना बालू है. साथ ही जो टीले बन गए हैं उन्हें किस विधि से हटाया जा सकता है. खान व भूतत्व विभाग ने सभी जिला खनिज पदाधिकारियों को जिलाधिकारियों से समन्वय बनाकर इस कार्य को प्राथमिकता पर करने के निर्देश दिए हैं.सभी जिलों के खनन पदाधिकारियों ने बंदोबस्त प्रक्रिया शुरू कर दी है. बालू खनन करने वाले ठेकेदारों से ई-टेंडर के आवेदन आमंत्रित किए जा रहे हैं. इस वर्ष सरकार ने कोर्ट के आदेश के आलोक में जून महीने से ही नदियों से बालू खनन पर रोक लगा दी थी. जिला सर्वेक्षण रिपोर्ट तैयार होने के बाद अब करीब तीन महीने के बाद वापस नदियों से बालू खनन प्रारंभ करने की दिशा में विभाग ने कवायद प्रारंभ कर की है.

जानकारी के अनुसार पिछले दिनों जल संसाधन विभाग ने खान विभाग को 29 नदियों में मौजूद 238 बालू के टीले की सूची सौंपी थी. सभी प्रमुख नदियों में सिल्ट की समस्या पिछले दिनों की अपेक्षा और गंभीर हुई है. जानकारी के अनुसार इन नदियों में करीब ढाई सौ बड़े टापू बन गए हैं. टापू न केवल नदियों की धारा बदल रहे हैं बल्कि इसके कारण नदियों की चौड़ाई भी लगातार कम होती जा रही है.

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