सिटी पोस्ट लाइव : पटना जिला के दानापुर में रविवार की शाम यात्रियों से भरी नाव के पलट जाने से हाहाकार मच गया.नव पर 55 लोग सवार थे.अभी भी 20 लोग लापता हैं.उनकी खोज में स्थानीय प्रशासन NDRF की मदद से जूता हुआ है. हादसे के शिकार 35 से ज्यादा लोग घास की मदद से गंगा नदी से बाहर निकलने में सफल हो गये लेकिन 10 लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं. NDRF की टीम लगातार लापता लोगों की तलाश में जुटी है.
कुछ लोग घास के सहारे गंगा नदी से बाहर निकलने में सफल रहे तो कुछ लोगों को स्थानीय निवासियों ने नाव के सहारे बचाया. भारतीय समाज में ‘डूबते को तिनके का सहारा’ मुहावरा काफी आम है. लेकिन, दानापुर नाव हादस में यह मुहावरा सच साबित हो गया. हादसे में लगभग 35 से जायदा लोग घास के सहारे उफनती गंगा नदी से बाहर निकलने में सफल रहे.नाव डूबने के बाद अधिकांश लोग घास की मदद से गंगा नदी से बाहर निकल गए. वहीं, कुछ लोगों को स्थानीय निवासियों ने नाव के सहारे बचाया. गंगा नदी में नाव के डूबने से घटनास्थल पर हर तरफ चीख-पुकार मच गई थी.
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और लापता लोगों की तलाश में जुटी हुई है. गंगा की तेज धारा के चलते लापता लोगों को ढूंढ़ने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. यही वजह है कि अभी तक 10 लापता लोगों में से किसी का पता नहीं चल सका है.शाहपुर के थानाध्यक्ष सफीर आलम के अनुसार लापता होने वाले 10 लोगों में रामाधार राम (65 वर्ष), कंचन देवी (35 वर्ष), डोरा राम की बेटी (40 वर्ष), भोला कुमारी (12 वर्ष), आरती कुमारी (14 वर्ष), पूजन राय की पत्नी (45 वर्ष), कुमकुम देवी, विनोद राय, छोटू राम और महेश राम शामिल हैं. बताया जा रहा है कि लापता सभी लोग दाऊदपुर रहने वाले हैं. संबंधित लोगों के घरों में कोहराम मचा हुआ है. हादसे के घंटों बाद भी लापता लोगों का पता नहीं चलने से राहत एवं बचाव कर्मी भी अपनी तरफ से प्रयास और तेज कर दिए हैं.