पत्‍नी के साथ विवाद के बाद गिरफ्तार युवक ने पुलिस कस्‍टडी में किया सुसाइड.

City Post Live

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के समस्‍तीपुर में पुलिस हिरासत में ही आत्‍महत्‍या कर लिए जाने का मामला सामने आया है. मृतक ने फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली है. पुलिस विभाग का कोई भी अधिकारी इस बारे में मुंह खोलने को तैयार नहीं है. युवक ने पुलिस हिरासत में आत्‍महत्‍या क्‍यों की? फंदा लगाने के लिए सामान कहां से आया? शख्‍स जब आत्‍महत्‍या की कोशिश कर रहा था तो वहां कोई पुलिसकर्मी मौजूद क्‍यों नहीं था? ऐसे कई सवाल हैं, जिनका जवाब देना पुलिस के लिए आसान नहीं है.

खबर के अनुसार मुफस्सिल थाना का ये मामला है. युवक की पत्‍नी से विवाद हो गया था. महिला की शिकायत पर उनके पति को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था. इसके बाद हिरासत में ही युवक ने फंदा लगाकर अपनी जान दे दी. मृतक की पहचान मुफस्स्लि थाना क्षेत्र के हकीमाबाद निवासी मोहम्‍मद गुलाब के तौर पर की गई है. पुलिस अधिकारियों से हिरासत में युवक द्वारा सुसाइड करने को लेकर सवाल पूछा गया तो वे कुछ भी बताने से परहेज कर रहे हैं.

हिरासत में मौत का ये कोई नया मामला नहीं है.अपने देश में पुलिस हिरासत में आये दिन मौतें होती रहती हैं.हो हंगामा भी होता है.लेकिन कुछ दिन बाद पीड़ितों के परिजन न्याय मांगते मांगते थक जाते हैं और लोग भूल जाते हैं.न्‍यायिक और पुलिस हिरासत देशभर में वर्ष 2021-22 2,152 लोगों की मौत हुई, जबकि 155 लोगों की मौत पुलिस कस्टडी में हुई.केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि अकेले उत्तर प्रदेश में साल 2021-22 में हिरासत में कुल 501 मौतें हुईं. इससे पहले वर्ष 2020-21 में हिरासत में मौत के 451 मामले दर्ज किए गए थे. यूपी के बाद पश्चिम बंगाल और फिर मध्य प्रदेश का नंबर आता है. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में पिछले दो साल में हिरासत में 4484 लोगों की मौत हुई.

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