सिटी पोस्ट लाइव : राजीवनगर अतिक्रमण मामले पर मंगलवार को पटना हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. जस्टिस संदीप कुमार की एकल पीठ ने पूछा कि कोर्ट में मामला लंबित है तो राजीवनगर स्थित नेपालीनगर में नया निर्माण कार्य कैसे हो रहा है? कोर्ट ने कहा कि जो लोग निर्माण कार्य कर रहे हैं उनके खिलाफ जिला प्रशासन सख्त कार्रवाई करे. महाधिवक्ता तथा हाउसिंग बोर्ड के वरीय अधिवक्ता शाही ने कोर्ट को बताया कि जो याचिकाकर्ता हैं उनका मकान अतिक्रमित 20 एकड़ जमीन के दायरे में नहीं है और उनके घर को तोड़ा भी नहीं गया है. उनको केवल आशंका है कि उनके मकान को भी तोड़ दिया जाएगा. जिनके मकान तोड़े गए हैं वे तो कोर्ट आए ही नहीं. इसलिए जो मामला कोर्ट के सामने है उसकी ही सुनवाई कर निष्पादित किया जाए.
याचिकाकर्ता के वरीय अधिवक्ता बसंत कुमार चौधरी ने जिला प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए अपने बहस की शुरुआत की. उन्होंने कहा कि कानूनी प्रक्रिया की धज्जियां उड़ाते हुए जिस प्रकार नेपालीनगर के मकानों को तोड़ा गया है उससे न केवल संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन हुआ है बल्कि मानवता भी शर्मसार हुआ है.उन्होंने कहा कि सीओ ने अतिक्रमण वाद के तहत जो आदेश पारित किया है वह पूरी तरह गलत है. सीओ ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर आदेश दिया है जिसे वैध नहीं ठहराया जा सकता है. उन्होंने वर्ष 2010 के एक्ट का उल्लेख करते हुए कहा कि इसके अनुसार कोई भी अतिक्रमणकारी नहीं है. राज्य सरकार ने ही यह कानून पास किया था.
विधायिका की मंशा साफ थी कि जिन लोगों ने अपना घर बना लिया है उन्हें इस कानून के तहत राहत दी जाए. चौधरी की बहस मंगलवार को अधूरी रही. गुरुवार को वे फिर बहस करेंगे. उसके बाद महाधिवक्ता और पी के शाही जवाब देंगे.सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों के बीच नोक झोंक भी होता रहा। कोर्ट ने कहा कि सत्य नारायण सिंह, श्रीनाथ सिंह, शिवजी सिंह(एसबीआई),नीरज सिंह और नकटा गोप का नाम समाचार पत्रों में आया है। इन पांचों ने मिलकर राजीवनगर की जमीन बेच दी है। जरा इनलोगों का पता लगाइए सबकुछ सामने आ जाएगा.