बाल विवाह के मिटाव ए भईया आगे समाज के बढ़ाव नुक्कड़ नाटक के जरिए समाज सुधारने का चला अभियान|

City Post Live

सिटी पोस्ट लाइव- नवादा ,श्रीमती उदिता सिंह जिला पदाधिकारी नवादा के निर्देश के आलोक में जिले के चयनित महादलित टोलों में बाल विवाह, दहेज प्रथा और नषा उन्मूलन के लिए लागातार गीत-संगीत एवं नृत्य के माध्यम से नुक्कड़ नाटक का प्रदर्शन कर समाज सुधार अभियान में मील का पत्थर साबित हो रहा है। सैंकड़ों की संख्या में महिला, पुरूष, बच्चे एकत्र होकर नाटक का अवलोकन कर रहे हैं और समाज सुधार अभियान का शपथ भी ले रहे हैं।

 

दहेज लेना और दहेज देना दोनो कानूनन अपराध है 

वारिसलीगंज प्रखंड के वार्ड नम्बर 05 के रविदास टोला और मांझी टोला, वार्ड नम्बर 06 के मकनपुर एवं वार्ड नम्बर 07 के वासोचक में दहेज प्रथा, बाल विवाह तथा समाज सुधार अभियान से संबंधित नुक्कड़ नाटक का मंचन किया गया। बाल विवाह एवं दहेज प्रथा के संबंध में नाटक में लोगों को बताया गया कि दहेज लेना और दहेज देना दोनो कानूनन अपराध है।गीत गाकर कलाकारों ने लोगों का मन मोह लिया। नुक्कड़ नाटक के द्वारा बताया गया कि एक नाबालिक लड़की जिसका नाम छोटी है, उसकी बाल विवाह कर दी जाती है। फिर कम उम्र में ही वह गर्भवती हो जाती है। डाॅक्टर के द्वारा आॅपरेशन कर बच्चे को तो बचा लिया जाता है पर बच्चे की माॅ नहीं बच पायी। नाटक में बच्ची का देहान्त हो जाता है और घर वाले फूट-फूट कर रोने लगते हैं एवं अन्त में बहुत पछताते हैं कि कम उम्र/बाल विवाह नहीं करना चाहिए था। इससे बच्ची का शारीरिक और मानसिक दोनों रूप में शोषण होता है।

 

 

दहेज प्रथा एवं बाल विवाह एक समाजिक बुराई है

यज्ञ मंडप के आस पास घूम घूम कर नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत कर लोगों को यह बताया गया कि दहेज प्रथा एवं बाल विवाह एक समाजिक बुराई है। इस कुप्रथा को जड़ से मिटाने के लिए सही समाज के लोग दहेज प्रथा एवं बाल विवाह का खुलकर विरोध करें तभी यह जड़ से समाप्त हो पायेगा। वैधानिक रूप से लड़की की शादी 18 साल के बाद और लड़के की शादी 21 साल के बाद ही होना चाहिए। यह भी बताया गया कि बाल विवाह एवं दहेज प्रथा का उन्मूलन अभियान का उल्लंघन करने पर 05 साल का कारावास एवं एक लाख तक की जुर्माने की सजा मिल सकती है। कलाकारों के द्वारा जगह-जगह पर लोगों से बाल विवाह नहीं करने तथा दहेज नहीं लेने का संकल्प भी दिलाया गया।

Share This Article