दिसंबर महीने में दलाई लमा का बोधगया मे होगा आगमन,आनलाईन टीचिंग के जरिए शिष्यों को देंगे शिक्षा|

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सिटी पोस्ट लाइव- तिब्बती आध्यात्मिक बौद्ध गुरु परम् पावन 14वें दलाई लामा का 87वां जन्मदिन बुधवार को मनाया गया। धर्मगुरु के जन्मदिन पर तिब्बत मंदिर में बौद्ध लामाओं ने विशेष अनुष्ठान किया।वही अहले सुबह तिब्बत मंदिर के गर्भगृह में लामाओं ने विशेष पूजा अर्चना की और परम् पावन की लंबी उम्र की कामना की गयी।लामाओं व भिक्षुओं ने अलग-अलग सुत्तपाठ किया|

 

 

 तिब्बत मंदिर में की गयी विश्व शांति की कामना की

परम् पावन के तस्वीर पर सभी बौद्ध मठों से आये बौद्ध लामा और भिक्षु ने खादा चढ़ाया। तिब्बत मंदिर के बौद्ध लामा व बीटीएमसी के सचिव एन दोरजी ने संयुक्त रूप से केक काटा और प्रसाद के तौर पर केक का वितरण किया गया। इसके बाद भिक्षुओं और लामाओं को संघदान (भोजन) कराया गया।इसके पहले तिब्बती बौद्ध लामाओं ने मंदिर के गर्भगृह में पूजा करके समस्त मानव कल्याण के लिए आशीष मांगा।तिब्बत मंदिर में करीब दो घंटे से ज्यादा समय तक पूजा अर्चना की। बौद्ध लामाओं ने तिब्बत मंदिर के गर्भगृह में भगवान बुद्ध और धर्मगुरु दलाई लामा तस्वीर के समक्ष सूत्तपात पाठ किया और विश्व शांति की कामना की।

 

 

बौद्ध धर्म का संदेश शांति, प्रेम, करुणा और आपसी भाईचारा 

वर्तमान स्थिति में भारत के साथ चीन व अन्य देशों से चल रहे तनाव समाप्त होने और भारत के दुश्मनों के पराजय के लिए विशेष प्रार्थना की गई। तिब्बत मंदिर के प्रभारी आमजि लामा ने कहा कि धर्मगुरु के सभी रूप का मुख्य संदेश प्रेम और उदारता है। बौद्ध धर्म चित्त की वैज्ञानिकता पर आधारित है। बौद्ध धर्म सभी को एक समान देखता है। उन्होंने कहा कि बौद्ध धर्म का संदेश शांति, प्रेम, करुणा और आपसी भाईचारा का है। अध्यात्मिक गुरु दलाई लामा ने इसी संदेश से दुनिया को एकसूत्र में बांधा है। वे निरंतर अहिंसात्मक नीतियों का समर्थन करते रहे हैं।उन्होंने कहा कि दलाई लामा का सेहत अभी बिल्कुल अच्छी है,उन्होंने कहा दिसंबर के अंतिम महीने तक दलाई लामा बोधगया में आएंगे और आनलाईन के माध्यम से अपने शिष्यों को टीचिंग कराएंगे।

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